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साइबर ठगों का नया कारनामा, फर्जी ई-रवन्ने से अवैध खनन, तीन गिरफ्तार - फर्जी ई-रवन्ने के मामले तीन गिरफ्तार

पुलिस अभी पूरे मामले की जांच कर रही है, ताकि इस पूरे नेटवर्क का पता चल सके. साथ ही पुलिस ये भी पता लगाने में जुटी है कि कौन-कौन से खनन माफिया इनसे जुड़े हैं. वहीं, पुलिस को शक है कि खनन विभाग के कुछ कर्मचारी और अधिकारी भी इसमें मिले हुए हैं.

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Published : Nov 21, 2020, 10:30 PM IST

Updated : Nov 21, 2020, 11:57 PM IST

देहरादून: साइबर ठगों ने अब आम आदमी के साथ सरकारी विभागों को भी चूना लगाना शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक ताजा मामला देहरादून से सामने आया है, जहां जालसाजी से फर्जी ई-रवन्ने तैयार कर पुलिस और खनन विभाग की आंखों में धूल झोंककर बड़े पैमाने पर अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है. उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

फर्जी ID का करते थे इस्तेमाल

पुलिस के मुताबिक, ये लोग पहले खनन विभाग के पोर्टल पर फर्जी ID से ई-रवन्ने तैयार कर अवैध खनन के गिरोह से रुपए कमाते थे और फिर पोर्टल से उस डाटा को डिलीट कर देते थे. इस गोरखधंधे में खनिज विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी संदेह के घेरे में हैं, जिसकी एसटीएफ ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

पढ़ें- ब्लैकमनी को खाते का जमा कराने का लालच देकर करते थे ठगी, पकड़े गये पंजाब के शातिर

ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे

दरअसल, बीती 14 जुलाई को खनिज विभाग की नोडल अधिकारी रश्मि प्रधान को इस तरह की कुछ जानकारी मिली थी. जिसके बाद उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक शिकायती पत्र एसटीएफ को दिया था. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों (दिलीप कुमार, सतीश कुमार और अनुज पाल) को गिरफ्तार किया है. दिलीप इस गिरोह का सरगना है, जो देहरादून का ही रहने वाला है. जबकि, सतीश कुमार और अनुज पाल डोईवाला के रहने वाले हैं.

पढ़ें- ब्लैकमनी को खाते का जमा कराने का लालच देकर करते थे ठगी, पकड़े गये पंजाब के शातिर

आरोपी के पास पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज, आईफोन और कुछ अन्य सामान भी मिला है. विवेचना के दौरान सामने आया कि खनिज विभाग के ई-रवन्ना पोर्टल में एक फर्जी आईडी संख्या MO61002325 विक्रम सिंह के नाम से पंजीकृत है. इस आईडी से सेल परचेज ऑर्डर सतीश लोधी के नाम पर निकाला गया है. इसी फर्जी आईटी से इलेक्ट्रॉनिक रमन्ना तैयार किया गया था. फिलहाल, एसटीएफ इस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की छानबीन कर आगे की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है. आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 201, 120बी और 66c आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज कराए गए हैं.

क्या है ई-रवन्ना

पंजीकृत खनन व्यवसायियों को एक यूनीक आइडी नंबर दिया जा रहा है. खनन व्यवसायी विभागीय वेबसाइट पर जाकर अपना यूनीक आईडी नंबर डालता है. इसके बाद वह यह बताएगा कि वह कहां से कितना उपखनिज उठाएगा और कहां इसे छोड़ेगा. पूरी जानकारी कंप्यूटर में डालने के बाद उसे ई-रवन्ना मिलेगा. इस ई-रवन्नै का वह प्रिंट आउट भी निकाल सकता है या अपने मोबाइल पर भी सेव कर सकता है.

देहरादून: साइबर ठगों ने अब आम आदमी के साथ सरकारी विभागों को भी चूना लगाना शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक ताजा मामला देहरादून से सामने आया है, जहां जालसाजी से फर्जी ई-रवन्ने तैयार कर पुलिस और खनन विभाग की आंखों में धूल झोंककर बड़े पैमाने पर अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है. उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

फर्जी ID का करते थे इस्तेमाल

पुलिस के मुताबिक, ये लोग पहले खनन विभाग के पोर्टल पर फर्जी ID से ई-रवन्ने तैयार कर अवैध खनन के गिरोह से रुपए कमाते थे और फिर पोर्टल से उस डाटा को डिलीट कर देते थे. इस गोरखधंधे में खनिज विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी संदेह के घेरे में हैं, जिसकी एसटीएफ ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

पढ़ें- ब्लैकमनी को खाते का जमा कराने का लालच देकर करते थे ठगी, पकड़े गये पंजाब के शातिर

ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे

दरअसल, बीती 14 जुलाई को खनिज विभाग की नोडल अधिकारी रश्मि प्रधान को इस तरह की कुछ जानकारी मिली थी. जिसके बाद उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक शिकायती पत्र एसटीएफ को दिया था. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों (दिलीप कुमार, सतीश कुमार और अनुज पाल) को गिरफ्तार किया है. दिलीप इस गिरोह का सरगना है, जो देहरादून का ही रहने वाला है. जबकि, सतीश कुमार और अनुज पाल डोईवाला के रहने वाले हैं.

पढ़ें- ब्लैकमनी को खाते का जमा कराने का लालच देकर करते थे ठगी, पकड़े गये पंजाब के शातिर

आरोपी के पास पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज, आईफोन और कुछ अन्य सामान भी मिला है. विवेचना के दौरान सामने आया कि खनिज विभाग के ई-रवन्ना पोर्टल में एक फर्जी आईडी संख्या MO61002325 विक्रम सिंह के नाम से पंजीकृत है. इस आईडी से सेल परचेज ऑर्डर सतीश लोधी के नाम पर निकाला गया है. इसी फर्जी आईटी से इलेक्ट्रॉनिक रमन्ना तैयार किया गया था. फिलहाल, एसटीएफ इस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की छानबीन कर आगे की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है. आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 201, 120बी और 66c आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज कराए गए हैं.

क्या है ई-रवन्ना

पंजीकृत खनन व्यवसायियों को एक यूनीक आइडी नंबर दिया जा रहा है. खनन व्यवसायी विभागीय वेबसाइट पर जाकर अपना यूनीक आईडी नंबर डालता है. इसके बाद वह यह बताएगा कि वह कहां से कितना उपखनिज उठाएगा और कहां इसे छोड़ेगा. पूरी जानकारी कंप्यूटर में डालने के बाद उसे ई-रवन्ना मिलेगा. इस ई-रवन्नै का वह प्रिंट आउट भी निकाल सकता है या अपने मोबाइल पर भी सेव कर सकता है.

Last Updated : Nov 21, 2020, 11:57 PM IST
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