देहरादून: लोगों में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना का शुभारंभ तो कर दिया गया. लेकिन सूबे में चार महीने भी ये योजना पूरी तरह से काम नहीं कर पाई. दरअसल, सस्ते गल्ले की दुकानों में कई बार लोगों को सस्ती दाल तक उपलब्ध नहीं हो पा रही है. इसके लिए शिकायतें शासन तक पहुंच रही हैं.
मामला मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना का है. जिसमें योजना के शुरू हुए मात्र चार महीने में ही लोगों की शिकायतें सस्ते गल्ले की दुकानों में दाल न मिलने को लेकर शुरू हो गई हैं. बता दें कि सितंबर 2019 में मुख्यमंत्री ने इस योजना का शुभारंभ किया था और तब से चार महीनों में लगातार दुकानों में सस्ती दाल न मिल पाने की शिकायतें आ रही हैं. कई सस्ते-गल्ले की दुकानों में तो दो महीने में एक बार ही दाल ग्राहकों को दी जा रही है.
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खाद्य सचिव सुशील कुमार भी इस बात को मान रहे हैं कि लोगों की तरफ से दालें उपलब्ध न होने को लेकर शिकायतें मिल रही हैं. हालांकि उन्होंने विभाग का बचाव करते हुए कहा कि सभी 13 जिलों में दालों के उठान का काम करवाया जा रहा है. साथ ही राशन डीलर को भी इस योजना को सही से लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.