देहरादूनः फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में शामिल एक और आरोपी को पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी को कोर्ट में पेश कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. आरोपी दस्तावेजों की नकल हूबहू उसी लिखावट में पुराने स्टांप और खाली कागजों पर कर फर्जी डीड तैयार करता था. पूरे मामले में अभी तक 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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देहरादून में #चर्चित_फर्जी_रजिस्ट्री घोटाले में शामिल 01 और अभियुक्त को #दून_पुलिस ने सहारनपुर से किया गिरफ्तार।
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अब तक 12 अभियुक्तों की पुलिस द्वारा की जा चुकी है गिरफ्तारी।#UttarakhandPolice #UKPoliceStrikeOnCrime #Crime pic.twitter.com/s7mASJ9DXS
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गौर हो कि बीती 15 जुलाई को देहरादून सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव ने मामले में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोपियों की मिलीभगत से षड्यंत्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम व द्वितीय में अलग-अलग भूमि विक्रय विलेख से छेड़छाड़ करने की बात गई थी. तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा पंजीकृत किया गया.
पूरे मामले में एसपी ट्रैफिक सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया गया. टीम ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी हासिल कर रिंग रोड से संबंधित 30 से ज्यादा रजिस्ट्रियों की जानकारी जुटाई और सभी लोगों से पूछताछ की. पूछताछ और जांच में कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के नाम शामिल होने की बात सामने आई. जिनसे पूछताछ में फर्जीवाड़े में कई लोगों के नाम आए.
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इसके बाद टीम ने कई संदिग्धों के बैंक अकाउंट खंगाले. जिसमें करोड़ों रुपए के लेन देन करने की बात सामने आई. साथ ही जो दस्तावेज उनके पास मिले, वो फर्जीवाड़े के जरिए रजिस्ट्रार कार्यालय से हालिस किए थे. जिसके बाद एसआईटी की टीम ने संतोष अग्रवाल, दीप चंद अग्रवाल, मक्खन सिंह, डालचंद, वकील इमरान अहमद, अजय क्षेत्री, रोहताश सिंह, विकास पांडे, कुंवर पाल उर्फ केपी, कमल विरमानी और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया.
सभी आरोपी अभी न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद हैं. इन लोगों से पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी आए. जिनके खिलाफ विवेचना में साक्ष्य जोड़ते हुए जांच आगे बढ़ाई गए. आरोपियों के बयानों और सबूत के आधार पर मूल विलेखों की हूबहू नकल कर फर्जी अभिलेख तैयार करने का काम केपी ने महेश चंद उर्फ छोटा पंडित को सौंपा था. आरोपी महेश चंद सहारनपुर के पुष्पांजलि बिहार का रहने वाला है. जिसे पुलिस ने सहारनपुर से धर दबोचा है.
इस तरह से आरोपी फर्जीवाड़े को देता था अंजामः नगर कोतवाली प्रभारी राकेश गुसाईं ने बताया कि आरोपी महेश चंद उर्फ छोटा पंडित साल 2014 तक कंवरपाल सिंह उर्फ केपी के पास हल्दी और जड़ी बूटी के कारोबार में मुंशी का काम करता था. केपी ने महेश चंद को बताया कि वो विवादित प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का काम करना चाहता है, जिसमें उसे काफी मुनाफा होने के आसार हैं.
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इसी काम के लिए केपी बाहर रहने लगा. केपी पुराने खाली कागज और पुराने स्टांप मेरठ, दिल्ली से लाने की बात करता था. जिसमें कुछ लिखे लिखाए बैनामा और अभिलेखों की नकल उन खाली कागजों व स्टांपों पर आरोपी महेश चंद और स्व मांगे राम से करवाता था. केपी के कहने पर लिखे हुए दस्तावेजों की नकल हूबहू उसी लेख में पुराने स्टांप और खाली कागजों पर कर फर्जी डीड तैयार करते थे.
केपी की ओर से लाए गए लिखे लिखाए दस्तावेज की नकल अपनी नेचुरल लिखावट में न कर हूबहू असली डीड और बैनामा की लिखावट में उतारी जाती थी. पुरानी लिखे कागजों को फाड़ कर केपी जला देता था और आरोपी महेश चंद और मांगे राम की ओर से तैयार किए गए फर्जी कागजों को लेकर देहरादून आता था. आरोपी कमल विरमानी समेत अन्यों के साथ मिलकर फर्जी बैनामा तैयार करते थे, फिर अभिलेखों को जिल्द में असली के रूप में चस्पा कर देते थे.
आरोपी महेश चंद ने पूछताछ में बताया कि केपी ने एक बार उसे और मांगे राम को एक बही जैसा रजिस्टर लाकर दिया, जिसकी हूबहू नकल करने को कहा. जो नवादा में मित्तल, रायपुर में इंद्रावती और जाखन में स्वरूप रानी आदि की जमीनों से संबंधित लेख थे. महेश चंद और मांगे राम, केपी के बताए विषय वस्तु लिखकर फर्जी डीड तैयार करते थे. जिसे लिखने में करीब एक डेढ़ महीना लगता था. इसी तरह से करीब 4 से 5 बैनामे देहरादून स्थित भूमि संबंधी तैयार किए. जो नकुड स्थित केपी के घर पर रहकर तैयार किए जाते थे.
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