विकासनगर: इन दिनों उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के कई गांव बरसात और भूस्खलन की मार के चलते खतरे की जद में हैं. ऐसा ही कुछ देहरादून के जौनसार बावर क्षेत्र में कालसी विकासखंड का खमरोली गांव में देखने को मिल रहा है. दरअसल बरसात के चलते विकासनगर के अंतर्गत जौनसार बावर के दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन के चलते मुख्य मोटर मार्ग संपर्क मार्ग बाधित हो रहे हैं. वहीं लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते सड़कें भी क्षतिग्रस्त होने से परेशानियां बढ़ गई हैं.
विकासनगर के कालसी में भवनों पर आई चौड़ी दरारें: कालसी तहसील क्षेत्र के सहिया में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय सहिया पाटन भूस्खलन के चलते खतरे की जद में हैं. वहीं साहिया से महज 15 किलोमीटर दूर खमरौली गांव के मकानों में बढ़ती हुई दरारें दिखाई देने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों की मानें तो वर्ष 2013 में प्रदेश में आई भयंकर आपदा के दौरान यहां मकानों में दरारें पड़ने शुरू हुई थी. अब ये दरारें विकराल रूप लेती जा रही हैं. जिससे गांव में बने कई परिवारों के दर्जनों मकान खतरे की जद में आ गए हैं.
विद्यालय भवन में भी दरारें: ग्रामीणों का कहना है कि भूस्खलन और दरारों ने गांव के प्राथमिक विद्यालय को भी अपनी चपेट में ले लिया है. वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्होंने अपनी समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के आगे गुहार लगाई है, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला. इस वजह से आज भी यहां के ग्रामीण खतरे के साए में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की समस्या को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान और तहसील क्षेत्रीय पटवारियों ने जायजा लेकर ग्रामीणों को उनकी समस्या जल्द हल करने के लिया कहा था, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी उनकी सुध नहीं ली जा रही है.
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पटवारी ने क्या कहा? क्षेत्रीय पटवारी जगत राम शर्मा ने बताया कि मौके पर जाकर मौका मुआयना किया है. कई मकान खतरे की जद में हैं. इस संबंध में इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा चुकी है.
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कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने किया निरीक्षण: उधर देहरादून और आसपास के इलाकों में पिछले तीन से चार दिनों में बारिश से भारी नुकसान देखने को मिला है. इसके चलते ऋषिकेश शिवपुरी क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के स्थलीय निरीक्षण के लिए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल मौके पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मौके पर ही राहत राशि भी उपलब्ध करवाई और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिये. सुबोध उनियाल ने आपदा में मृतक के परिवार को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की. साथ ही विभागों को नालों के पास हुए अतिक्रमणों को हटाने हेतु निर्देश दिए.
शिवपुरी में क्या हुआ था? आपको बता दें कि तीन दिन पहले शिवपुरी में लगातार भारी बारिश के चलते बरसाती नाला उफना गया था. नाले के समीप बना एक कैंप और उसके किचन में कार्यरत कर्मी गौतम पुत्र बलबीर सिंह (30), निवासी बडल बह गया था. सूचना प्राप्त होते ही कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों के संग मौके का निरीक्षण करने पहुंचे. यहां उन्होंने क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइनों को शीघ्र ही सुधारने हेतु निर्देशित किया. साथ ही राजस्व विभाग को नालों के पास हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाने हेतु निर्देशित किया. इसके बाद कैबिनेट मंत्री आपदा में मृतक के गांव बडल पहुंचे, यहां उन्होंने मृतक के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक दिया.
केंद्र से आया विशेष दल: भारी बारिश के चलते टिहरी के सकलाना क्षेत्र, देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में और ऋषिकेश के शिवपुरी क्षेत्र में और विकासनगर के ऊपरी इलाकों में भी काफी तबाही देखने को मिली है. इस मानसून सीजन में पहाड़ी जनपदों के साथ ही मैदानों में भी बारिश ने अपना कहर बरपाया है. हरिद्वार जिले में कई हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान हुआ है. इन सब नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार भी लगातार गंभीर है. इसी के चलते केंद्र का एक दल उत्तराखंड में पहुंचा है. दल उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का असेसमेंट कर रहा है और अपनी रिपोर्ट तैयार करने के बाद केंद्र उत्तराखंड के लिए विशेष आपदा राहत पैकेज जारी करेगा.