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देहरादून: कोर्ट ने 12 साल बाद जाली नोट मामले में दो अरोपियों को सुनाई 4 साल की सजा - 12 साल बाद जाली नोट मामले में कोर्ट ने दो अरोपियों को सुनाई सजा

जाली नोट का गिरोह चलाने के आरोप में चार-चार साल की सजा पाने वाले (Court sentenced 4 years punishment) अभियुक्त एजाज अहमद और हैदर अंसारी मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं. मामला 20 फरवरी 2010 का है. जब देहरादून के कोतवाली क्षेत्र में हनुमान चौक, पलटन बाजार और कार्य क्षेत्र में नकली नोट चलाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया था.

Court sentenced 4 years punishment to two accused
कोर्ट ने दो अरोपियों को सुनाई 4 साल की सजा
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Published : Apr 23, 2022, 9:19 PM IST

देहरादून: बांग्लादेश से भारत में जाली नोट लाकर गोरखधंधा करने वाले (fake note case dehradun) दो अभियुक्तों को देहरादून पंचम अपर जिला सत्र न्यायालय ने 12 साल की सुनवाई के बाद 4-4 साल की कठोर सजा (Court sentenced 4 years punishment) सुनाई है. इतना ही नहीं अपर सत्र पंचम न्यायधीश आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, जुर्माने की राशि अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

बता दें कि जाली नोट का गिरोह चलाने के आरोप में चार-चार साल की सजा पाने वाले अभियुक्त एजाज अहमद और हैदर अंसारी मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं. शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि यह मामला 20 फरवरी 2010 का है. जब देहरादून के कोतवाली क्षेत्र में हनुमान चौक, पलटन बाजार और कार्य क्षेत्र में नकली नोट चलाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया था.

पढ़ें- 'कुछ लोग कांग्रेस में चला रहे अपना एजेंडा', प्रीतम सिंह ने इशारों में हरीश रावत को लपेटा

इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने गिरोह चलाने वाले अभियुक्त एजाज अहमद और हैदर अंसारी से 500, 1000, 100 और 50 के भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए. पूछताछ में पता चला कि दोनों अभियुक्त अपने गिरोह के नेटवर्क के जरिए बांग्लादेश से भारत के अलग-अलग राज्य और शहरों में नकली नोट चलाकर असली में उसे बदलते थे.

वहीं, इस गोरखधंधे में उनका नेटवर्क उत्तर भारत के साथ देहरादून तक फैला हुआ है. पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420,489B, 489 C, 489E के तहत भारतीय दंड संहिता 1860 अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की थी.

देहरादून: बांग्लादेश से भारत में जाली नोट लाकर गोरखधंधा करने वाले (fake note case dehradun) दो अभियुक्तों को देहरादून पंचम अपर जिला सत्र न्यायालय ने 12 साल की सुनवाई के बाद 4-4 साल की कठोर सजा (Court sentenced 4 years punishment) सुनाई है. इतना ही नहीं अपर सत्र पंचम न्यायधीश आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, जुर्माने की राशि अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

बता दें कि जाली नोट का गिरोह चलाने के आरोप में चार-चार साल की सजा पाने वाले अभियुक्त एजाज अहमद और हैदर अंसारी मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं. शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि यह मामला 20 फरवरी 2010 का है. जब देहरादून के कोतवाली क्षेत्र में हनुमान चौक, पलटन बाजार और कार्य क्षेत्र में नकली नोट चलाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया था.

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इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने गिरोह चलाने वाले अभियुक्त एजाज अहमद और हैदर अंसारी से 500, 1000, 100 और 50 के भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए. पूछताछ में पता चला कि दोनों अभियुक्त अपने गिरोह के नेटवर्क के जरिए बांग्लादेश से भारत के अलग-अलग राज्य और शहरों में नकली नोट चलाकर असली में उसे बदलते थे.

वहीं, इस गोरखधंधे में उनका नेटवर्क उत्तर भारत के साथ देहरादून तक फैला हुआ है. पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420,489B, 489 C, 489E के तहत भारतीय दंड संहिता 1860 अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की थी.

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