मसूरी: नगर पालिका परिषद वार्ड नंबर 8 की सभासद गीता कुमाई की सदस्यता को बहाल कर दिया है. शहरी विकास विभाग के सचिव शैलेश बगोली के द्वारा यह आदेश जारी किया गया. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने ये फैसला लिया है. वहीं, सभासद गीता कुमाई ने इसे सत्य की जीत बताया.
क्या था मामला
बता दें कि नगर पालिका सभासद गीता कुमाई की सदस्यता समाप्त करने को लेकर विगत कई महीनों से उच्च न्यायालय में विवाद चल रहा था. याचिकाकर्ता पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने गीता कुमाई पर झूठा शपथ-पत्र और नगर पालिका की भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बनाने का आरोप लगाया था.
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उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पहले गीता कुमाई पर लगाए गए आरोपों को सही पाते हुए शहरी विकास को उनपर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. जिस पर शहरी विकास विभाग द्वारा उनकी सदस्यता वार्ड नंबर 8 से समाप्त कर सीट को रिक्त कर दिया था. वहीं, दूसरी अपील में उच्च न्यायालय में डाली गई अपील में के बाद न्यायालय ने एसडीम को उक्त मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे.
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इस जांच में एसडीएम वरुन चौधरी ने सभासद पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. एसडीएम के अनुसार सभासद या उनके पति द्वारा नगरपालिका की भूमि कब्जा नहीं था. वहीं, सुनवाई के दौरान नगरपालिका परिषद अतिक्रमण वाली भूमि को पालिका की भूमि साबित ही नहीं कर सकी. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सभासद के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सदस्यता बहाल करने के निर्देश दिए.अब 24 दिसंबर को नगर पालिका परिषद की होने वाली बैठक में प्रतिभाग करेंगी.
गीता कुमाई ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है. उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा था. उन्होंने कहा कि पालिका की बैठक में भाग लेंगी और शहर के विकास के लिए पालिका प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगी, जिस उद्देश्य से जनता ने उन्हें चुनकर भेजा था.