ऋषिकेशः मेयर अनीता ममगाईं की शैक्षणिक प्रमाण पत्र का मामला गरमा गया है. बीजेपी के नामित पार्षद ऋषिकांत गुप्ता ने अनीता ममगाईं की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि मेयर की 12वीं का प्रमाण पत्र फर्जी है. इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग और पुलिस से करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. सीजेएम कोर्ट की शरण लेने के बाद अब मेयर और प्रमाण पत्र जारी करने वाले स्कूल के प्रधानाचार्य को विभिन्न धाराओं में समन भेजा गया है. जिसमें कोर्ट ने मेयर और प्रधानाचार्य को 21 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए गए हैं.
दरअसल, पार्षद ऋषिकांत गुप्ता ने प्रेस वार्ता के जरिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भवदीप की कोर्ट से जारी समन का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि साल 2018 में मेयर के निर्वाचन के लिए अनीता ममगाईं ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस दौरान उन्होंने निर्वाचन आयोग को हलफनामे में साल 2010 में दिल्ली बोर्ड से 12वीं पास बताया. जबकि, साल 2019 में पासपोर्ट अप्लाई करने के दौरान मेयर अनीता ममगाईं ने खुद को 10वीं पास बताया.
सूचना के अधिकार के जरिए साल 2021 में बोर्ड ने यह जानकारी दी कि ऋषिकेश मेयर अनीता ममगाईं के अनुक्रमांक का कोई भी इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट उन्होंने जारी नहीं किया है. यह बताया कि शीशम झाड़ी स्थित बीडीएस स्कूल से बोर्ड का अनुबंध था, लेकिन यह करार साल 2014 में खत्म हो गया.
ऋषिकांत गुप्ता ने बताया कि इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से की गई. जिस पर आयोग ने डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया. इसमें एडीएम, एसडीएम, मुख्य शिक्षाधिकारी और पंच स्थानी चुनाव अधिकारी को शामिल किया गया था. मई 2022 में समिति ने मेयर को दो बार पेश होने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं आईंं. एसएसपी देहरादून से शिकायत करने पर पुलिस ने जांच की. जिसमें दिल्ली बोर्ड का 22 मई 2022 को जारी 12वीं का प्रमाण पत्र पेश कर दिया गया.
लिहाजा, पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल बंद कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के प्रभाव के चलते यह सब हुआ है. तमाम तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखा गया. जिसके बाद अब कोर्ट ने मेयर अनीता ममगाईं को आईपीसी की धारा 177, 181, 465 और 471 व स्कूल प्रधानाचार्य त्रयंबक सेमवाल को 120 बी के तहत समन जारी किया गया है.
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साजिश मुझे झुका नहीं सकते, मेरी डिग्री असलीः 12वीं का फर्जी प्रमाण पत्र चुनावी हलफनामे में पेश करने के आरोप पर मेयर अनीता ममगाईं भी अपना पक्ष रखने के लिए सामने आईं. उन्होंने पुलिस की जांच में क्लीन चिट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को नगर क्षेत्र का विकास पच नहीं रहा है. अभी तक के कार्यकाल में कोई अनियमितता भी नहीं हुई तो अब निकाय चुनाव नजदीक आता देख जान बूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
मेयर ममगाईं ने कहा कि कुछ लोग उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करना चाहते हैं. कोर्ट ने समन जारी किया है तो उसका जवाब भी न्यायालय में देना है. बावजूद, नामित पार्षद ऋषिकांत गुप्ता को ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि अदालत के आदेश को सार्वजनिक किया गया. जबकि, अभी महज समन जारी किया गया है. कोर्ट में निर्दोष साबित होने पर वो खुद क्या करेंगे, इस पर शायद ही कुछ बोला हो.
मेयर अनीता ममगाईं ने कहा कि विकास को देख बौखलाहट में ये सब किया जा रहा है. वो अनपढ़ हैं और जो जनसेवा कर रही हैं, इसके लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं है. वो निस्वार्थ भाव से यह काम कर रही हैं. मामले वो हाईकोर्ट जाएंगी और कोर्ट में इंसाफ मिलने के बाद बेगुनाह साबित होने पर यह नजीर भी पेश होगी.
छवि खराब करने वालों के खिलाफ वो सख्त कार्रवाई की मांग करेंगीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी अनुशासित पार्टी है और इस मामले में भी संगठन संज्ञान लेगा. राज्य सरकार के सहयोग नगर क्षेत्र में विकास कार्य जारी हैं. ऐसे में वो किसी षड़यंत्र के आगे झुकने वाली नहीं हैं.