देहरादून: दुनिया भर में लोगों की जान के लिए खतरा बन चुका कोरोना वायरस शादी के सात फेरों में भी बाधा बन गया है. लॉकडाउन के कारण अप्रैल और मई में होने वाली अधिकतर शादियां स्थगित करके उनकी तिथि आगे बढ़ाई जा रही है. जिसकी वजह से उत्तराखंड के 50 हजार से ज्यादा लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट दिखने लगा है.
उत्तराखंड में कई वेडिंग डेस्टिनेशन हैं, जहां लोग अपने सपनों के मुताबिक शादी करने आते हैं. लेकिन इस साल शुभ मूहर्त के शुरू होते ही व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है. राजधानी देहरादून में ही करीब 100 से ज्यादा वेडिंग प्वॉइंट्स हैं. जहां इस सीजन में 15 सौ से अधिक शादियों को या तो सादगी पूर्ण तरीके से कराया गया है, या तो उन्हें स्थगित कर दिया गया है.
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15 अप्रैल से शुरू हो रहे इस शुभ लग्न पर कोरोना का संकट मई माह में भी मंडराता दिख रहा है. जिसकी वजह से देहरादून में ही करीब 20 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं. दून में शादियों के स्थगित होने की वजह से करीब 80 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. लेकिन वेडिंग प्वॉइंट्स संचालकों को डर है कि सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन को आगे बढ़ा सकती है. ऐसे में उन्हें आर्थिक तंगी से परेशान होने का खतरा सता रहा है.
उत्तराखंड में अप्रैल माह तक करीब 5 हजार शादियां प्रभावित हुईं हैं. जिसकी वजह से 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान शादियों के कारोबार से जुड़े व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. जिसकी वजह से इस व्यवसाय से जुड़े करीब 50 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. सात फेरों में कोरोना की बाधा की वजह से वेडिंग प्वॉइंट्स संचालकों से साथ-साथ कपड़ा व्यवसायी, पार्लर, टेंटहाउस, केटरिंग, घोड़ा-बग्गी, लाइटिंग, बैंड-बाजे और आतिशबाजी जैसे कामों से जुड़े लोग भी प्रभावित हुए हैं.
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इन सबके बीच वेडिंग प्वॉइंट्स संचालकों को डर है कि सरकार कोरोना वायरस संकट के बीच अक्टूबर और नवंबर में होने वाली शादियों पर भी पाबंदी ना लगा दे. ऐसे में संचालकों ने सरकार से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शादियों के लिए इजाजत दी जाए. जिसकी वजह से हजारों लोगों को आर्थिक तंगी से बचाया जा सकता है. इसके साथ ही वेडिंग प्वॉइंट्स संचालक ही मेहमानों के लिए मास्क और सैनेटाइजर की व्यवस्था करने को भी तैयार हैं.