देहरादून: राजधानी देहरादून में कोरोना संक्रमण के मामलों में 8 गुना गिरावट आई है. इससे पहले पूरे राज्य में कुल मामलों की संख्या में से आधे केस सिर्फ देहरादून जिले से ही आ रहे थे. इतना ही नहीं, मौत के कुल आंकड़ों से भी 50 फीसदी संख्या देहरादून से जुड़े देखे जा रहे थे. जिला प्रशासन के मुताबिक भले ही जिले में कोरोना के आंकड़े घट रहे हों. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की ढील दी जाए.
उधर, अस्पतालों में अब ऑक्सीजन और सामान्य बेड्स से लेकर ICU जैसी उपचार सुविधा उपलब्धता भी सामान्य रूप आ गई हैं. जिलाधिकारी देहरादून के मुताबिक भारत सरकार से ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया गया है. जिसके चलते अब ऑक्सीजन की कमी नहीं है.
ग्रामीण इलाकों में पंचायत स्तर पर कोरोना बचाव अभियान तेज: जिलाधिकारी
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते देहरादून जिला प्रशासन के मुताबिक शहर से लेकर अब ग्रामीण क्षेत्र तक अतिरिक्त एहतियात बरतते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था हर स्तर पर बेहतर की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से मेडिकल किट और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था पहले से बेहतर बनाई जा रही है. जिस सूचना पर भी पॉजिटिव केस ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आ रहे हैं. उसे तत्काल सर्विलांस के जरिए मेडिकल किट प्रोवाइड कर होम आइसोलेशन में निगरानी में रखा जा रहा हैं. वही, कोरोना की तीसरी लहर आशंका को जताते हुए खासकर बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अलग से अस्पतालों में वॉर्ड भी तैयार की जा रही हैं.
तीसरी लहर की आशंका में बच्चों की स्वास्थ्य सुविधा की जा रही बेहतर- डीएम
देहरादून जिला अधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक प्रतिदिन लगभग 10 से 12 गांवों में रेंडम कोरोना की टेस्टिंग कर स्वास्थ्य निगरानी तेज़ कर दी गई हैं, ताकि महामारी की चेन को तोड़ा जा सके. तीसरी लहर में बच्चों स्वास्थ्य खतरे की आशंका को देखते हुए सभी तरह की स्वास्थ्य तैयारियों में एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) की व्यवस्था बढाई जा रही है. इसी के दृष्टिगत PSC सेंटर से लेकर जिला स्वास्थ सेंटर तक की व्यवस्थाएं बेहतर करने का कार्य चल रहा है.