देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ विपक्ष एक बार फिर हमलावर हो गया है. कांग्रेस विधायक और उपनेता प्रतिपक्ष करण महारा ने सीएम पर पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन को निजी स्वार्थ में खर्च करने का आरोप लगाया है.
करण महारा ने आरोप लगाते हुए कहा कि संजय गुप्ता की पत्नी और मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत के नाम से संयुक्त रूप से सहस्त्रधारा में एक जमीन खरीदी गई है. उन्होंने कहा कि सीएम की पत्नी द्वारा कौड़ियों के दामों में किसानों से 16 बीघा जमीन ली गई है. साथ ही उनके नाम और भी कई जमीनों की रजिस्ट्रियां हैं.
आरोप है कि जमीन की कीमत बढ़ाने के उद्देश्य से उस 16 बीघा जमीन के आसपास 70 करोड़ रुपये की सरकारी लागत से झील का शिलान्यास किया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि अपने निजी हितों के लिये झील का शिलान्यास किया गया है. जिसके बाद मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
पत्रकार वार्ता के दौरान करण महारा ने मीडिया को एक क्लिपिंग भी दिखाई. कांग्रेस का कहना है कि संजय गुप्ता और सीएम त्रिवेंद्र रावत में व्यापारिक साझेदारी है. पत्नियों को फायदा पहुंचाने के लिए 25 दिसंबर को सूर्यधार झील का शिलान्यास किया गया. जबकि इससे पहले ही जमीन खरीद ली गई थी.
इसके साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने NH 74 घोटाले की सीबीआई जांच कराने की बात की थी. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी भाजपा सरकार ने सीबीआई जांच नहीं करवाई. सीएम ने 100 दिन के भीतर मजबूत लोकायुक्त लाने का वादा किया था. लेकिन आज 2 साल बीत जाने के बाद भी सरकार लोकायुक्त का गठन नहीं कर पाई. इससे दिखता है कि सरकार भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करना चाहती है.