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देहरादून में लैंड फ्रॉड रोकने के लिए नया प्लान, पीड़ितों की मदद के लिए बनेगा कंट्रोल रूम

देहरादून में आए दिन जमीन के फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं. ये मामले इतने बढ़ चुके हैं कि जिला प्रशासन का अधिकतर समय इनकी सुनवाई में जाता है. इनके निपटारे के लिये जिला प्रशासन ने कुछ समय पहले एसआईटी का गठन किया था. लेकिन कुछ कारणों से उसे भी बंद कर दिया गया. अब एक कंट्रोल रूम बनाने की कवायद चल रही है. जिसमें आमजन घर बैठे टोल फ्री नंबर से या कंट्रोल रूम पहुंचकर लैंड फ्रॉड की शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

देहरादून समाचार
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Published : Apr 19, 2023, 10:08 AM IST

Updated : Apr 19, 2023, 12:12 PM IST

देहरादून में लैंड फ्रॉड रोकने के लिए नया प्लान

देहरादून: राजधानी में दिनों दिन जमीन फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. जमीनों के फर्जीवाड़े इस कदर बढ़ गए हैं कि अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी के निर्देश पर अब ज़मीन फर्जीवाड़े को रोकने और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए राजधानी में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. इसमें जमीन लेने से पहले क्या-क्या एहतियात बरतें, जमीन लेने के बाद अगर कोई विवाद है तो क्या करना चाहिए, इन सब की जानकारी मिलेगी. वहीं जमीन फर्जीवाड़े के पीड़ितों को मदद दिलाने और कानूनी राय देने के लिए रिटायर्ड तहसीलदार अपनी सेवा देंगे.

समस्या का निस्तारण नहीं है संतोषजनक: जिला प्रशासन और पुलिस के समक्ष हर दूसरी शिकायत प्रॉपर्टी धोखाधड़ी से संबंधित दर्ज हो रही है. हालत यह हैं कि चाहे सरकारी हो या गैरसरकारी हर तरह की प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा इस हद आसमान छू रहा है कि पुलिस और जिला प्रशासन का आधा समय इन्हीं मामलों की सुनवाई में गुज़र रहा है. हालांकि इसके बावजूद भी निस्तारण के मामले संतोषजनक स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन लैंड फ्रॉड से संबंधित सभी तरह के मामलों की शिकायत और उनके निस्तारण के लिए राहत का काम करते हुए एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित करने जा रहा है.

प्रशासन द्वारा बनाया जाएगा कंट्रोल रूम: इसके लिए बाकायदा हेल्पलाइन की तर्ज पर एक टोल फ्री नंबर आमजन के लिए जारी किया जाएगा. ताकि घर बैठे या कंट्रोल रूम पहुंचकर जमीन की खरीद फरोख्त की जानकारी से लेकर उससे जुड़े विवाद और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई जा सके. ताकि कंट्रोल रूम से जुड़े संबंधित अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उसका संज्ञान लेकर शिकायतकर्ता को राहत दिला सकें. जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि जमीन और प्रॉपर्टी विवाद के मामलों की सुनवाई करने के लिए कंट्रोल रूम में रिटायर्ड तहसीलदार रैंक के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. ताकि राजस्व से जुड़े यह विशेषज्ञ अधिकारी अपने सेवाकाल के अनुभव के मुताबिक न सिर्फ प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसके बारे जानकारियां देंगे. बल्कि जमीन और प्रॉपर्टी खरीदने के बाद अगर कोई विवाद या फर्जीवाड़े का मामला सामने आता है तो उससे संबंधित प्रकरण में निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम अधिकारी जिला प्रशासन को अवगत कर शिकायतकर्ता की मदद करेंगे.
य़ह भी पढ़ें: Uttarakhand Cabinet: हाईवे के किनारे भवन निर्माण के लिए नक्शा जरूरी, शराब पर VAT 20 से घटाकर 12% किया गया

लेकिन यह कितना कारगर होगा, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में जमीन की धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए पिछली सरकारों में एसआईटी का भी गठन किया गया था. लेकिन तब भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. एसआईटी की जांच में ज़मीन का फर्जीवाड़ा करने में मिलीभगत करने में तहसीलदार और पटवारी का नाम भी सामने आया था. मगर वो जांच ही ठंडे बस्ते में चली गई. उसके थोड़े समय बाद ही एसआईटी को भंग कर दिया गया. लेकिन आज तक प्रदेश में ज़मीन फर्जीवाड़े पर कंट्रोल नहीं हो पाया है. इसके उलट मैदानी जिलों में तेजी से ज़मीनी फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं.

देहरादून में लैंड फ्रॉड रोकने के लिए नया प्लान

देहरादून: राजधानी में दिनों दिन जमीन फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. जमीनों के फर्जीवाड़े इस कदर बढ़ गए हैं कि अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी के निर्देश पर अब ज़मीन फर्जीवाड़े को रोकने और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए राजधानी में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. इसमें जमीन लेने से पहले क्या-क्या एहतियात बरतें, जमीन लेने के बाद अगर कोई विवाद है तो क्या करना चाहिए, इन सब की जानकारी मिलेगी. वहीं जमीन फर्जीवाड़े के पीड़ितों को मदद दिलाने और कानूनी राय देने के लिए रिटायर्ड तहसीलदार अपनी सेवा देंगे.

समस्या का निस्तारण नहीं है संतोषजनक: जिला प्रशासन और पुलिस के समक्ष हर दूसरी शिकायत प्रॉपर्टी धोखाधड़ी से संबंधित दर्ज हो रही है. हालत यह हैं कि चाहे सरकारी हो या गैरसरकारी हर तरह की प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा इस हद आसमान छू रहा है कि पुलिस और जिला प्रशासन का आधा समय इन्हीं मामलों की सुनवाई में गुज़र रहा है. हालांकि इसके बावजूद भी निस्तारण के मामले संतोषजनक स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन लैंड फ्रॉड से संबंधित सभी तरह के मामलों की शिकायत और उनके निस्तारण के लिए राहत का काम करते हुए एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित करने जा रहा है.

प्रशासन द्वारा बनाया जाएगा कंट्रोल रूम: इसके लिए बाकायदा हेल्पलाइन की तर्ज पर एक टोल फ्री नंबर आमजन के लिए जारी किया जाएगा. ताकि घर बैठे या कंट्रोल रूम पहुंचकर जमीन की खरीद फरोख्त की जानकारी से लेकर उससे जुड़े विवाद और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई जा सके. ताकि कंट्रोल रूम से जुड़े संबंधित अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उसका संज्ञान लेकर शिकायतकर्ता को राहत दिला सकें. जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि जमीन और प्रॉपर्टी विवाद के मामलों की सुनवाई करने के लिए कंट्रोल रूम में रिटायर्ड तहसीलदार रैंक के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. ताकि राजस्व से जुड़े यह विशेषज्ञ अधिकारी अपने सेवाकाल के अनुभव के मुताबिक न सिर्फ प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसके बारे जानकारियां देंगे. बल्कि जमीन और प्रॉपर्टी खरीदने के बाद अगर कोई विवाद या फर्जीवाड़े का मामला सामने आता है तो उससे संबंधित प्रकरण में निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम अधिकारी जिला प्रशासन को अवगत कर शिकायतकर्ता की मदद करेंगे.
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लेकिन यह कितना कारगर होगा, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में जमीन की धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए पिछली सरकारों में एसआईटी का भी गठन किया गया था. लेकिन तब भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. एसआईटी की जांच में ज़मीन का फर्जीवाड़ा करने में मिलीभगत करने में तहसीलदार और पटवारी का नाम भी सामने आया था. मगर वो जांच ही ठंडे बस्ते में चली गई. उसके थोड़े समय बाद ही एसआईटी को भंग कर दिया गया. लेकिन आज तक प्रदेश में ज़मीन फर्जीवाड़े पर कंट्रोल नहीं हो पाया है. इसके उलट मैदानी जिलों में तेजी से ज़मीनी फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं.

Last Updated : Apr 19, 2023, 12:12 PM IST
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