देहरादूनः उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार की ओर से सितंबर माह तक की डेडलाइन तय कर दी गई है. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया है कि 30 सितंबर के बाद राज्य में नई सड़कों के निर्माण के लिए धनराशि नहीं दी जाएगी. मात्र सड़कों के डामरीकरण और रखरखाव का बजट रिलीज किया जाएगा. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर केंद्र सरकार सड़कों के निर्माण के लिए बजट रिलीज नहीं करती है तो प्रदेश सरकार पर सड़कों के निर्माण समेत संबंधित विभागीय खर्चे के लिए अतिरिक्त भार पड़ेगा. साथ ही कई सड़कों का पूरा कार्य भी अधर में लटक सकता है.
बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत में एक राष्ट्रव्यापी योजना है, जिसके तहत सड़क विहीन गांवों तक अच्छी सड़क पहुंचाना है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत उत्तराखंड में साल 2000 में प्रथम और द्वितीय चरण में 250 से अधिक आबादी में वाले 1867 गांवों का चयन किया गया था. जिसमें से करीब 1800 गांव सड़क से जुड़ चुके हैं. वहीं केंद्र सरकार की डेडलाइन के बाद अब संबंधित विभाग के सामने यह परेशानी खड़ी हो गई है कि कैसे बची हुई सड़कों का निर्माण पूरा किया जाए? क्योंकि, अब जून महीने से जुलाई अगस्त तक प्रदेश में मॉनसून के कारण निर्माण कार्य होना बहुत मुश्किल होता है. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से डेडलाइन बढ़ाने के लिए मांग की गई है, लेकिन इस पर केंद्र सरकार सहमति देती है यह कहना तो अभी मुश्किल है.
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुख्य अभियंता आरपी सिंह ने फोन पर बताया कि अभी योजना के तहत 800 सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. जो कि कुछ प्रथम और कुछ द्वितीय चरण में हैं. केंद्र सरकार की डेडलाइन के अनुसार विभाग ने सितंबर महीने तक 600 सड़कों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है. अन्य 200 सड़कों के निर्माण को पूरा करने के लिए विभागीय मंत्री की ओर से केंद्र सरकार को मार्च तक डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार की ओर से डेडलाइन पूरी करने के लिए समय बढ़ाया जाएगा. इस सब के इतर यह सवाल उठता है कि अगर केंद्र सरकार डेडलाइन नहीं बढ़ाती है तो कई गांवों के सड़क से जुड़ने का सपना अधर में लटक सकता है.
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