देहरादून: उत्तराखंड के चारधामों को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य तय समय 2019 के अंत तक पूरा होता नहीं दिख रहा है. पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और धरातल पर सामने आने वाली कई समस्याओं के चलते ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 11700 करोड़ के प्रोजेक्ट का बजट और अधिक बढ़ सकता है. निर्माण कार्य की लागत अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये तक बढ़ने से परियोजना का समय भी बढ़ना लाजिमी है.
गौर हो कि ऑल वेदर रोड योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों के अलग-अलग भागों के भगरथी सहित अन्य इको सेंसेटिव जोन में अभी कार्य सही ढंग से शुरू नहीं हो सका है. जिसके चलते ऑल वेदर रोड 2019 तक तय समय अनुसार पूरा होना लगभग नामुमकिन सा लग रहा है. जानकारी के मुताबिक 889 किलोमीटर पर योजना के तहत कई ऐसे इको सेंसेटिव जोन है, जहां निर्माण कार्य प्रभावित होता जा रहा है. इसके अलावा कई ऐसे पर्वतीय इलाके हैं, जहां स्थानीय लोगों के विरोध के चलते निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.
पढ़ें-हरिद्वार कुंभ: भूमिगत विद्युत लाइन बिछाने में कंपनी नाकाम, ऊर्जा विभाग ने भेजा नोटिस
परियोजना के तहत ऑल वेदर रोड को जोड़ने वाले 12 बाईपास स्वीकृत हैं, लेकिन कई स्थानों पर विरोध से कार्य रुका हुआ है. ऑल वेदर रोड के निर्माण कार्य के लिए 434.39 किलोमीटर का निर्माण कार्य उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के जिम्मे है. उधर ऑल वेदर ड्रीम प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रही केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय लगातार उत्तराखंड सरकार को निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश के साथ ही मॉनिटरिंग कर रही है.
जानकारी के मुताबिक ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य जिस तरह से कई अलग-अलग कारणों के चलते प्रभावित हो रहा है, उसको देखते हुए यह ड्रीम प्रोजेक्ट 2022 तक पहुंचने की संभावनाएं जताई जा रही है.