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जौनसार बावर के 38 गांवों को MDDA में शामिल करने पर स्थानीय में गुस्सा, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन - ईटीवी भारत

जौनसार बावर के चकराता तहसील के 16 गांव, त्यूणी तहसील के 11 गांव और कालसी तहसील के 11 गांवों को सरकार ने एमडीडीए में शामिल किया है. जिसके बाद से ही लोगों में काफी रोष बना हुआ है.

स्थानीय लोगों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी रोष.
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Published : Jul 22, 2019, 7:19 PM IST

विकासनगर: उत्तराखंड सरकार ने जौनसार बावर के 38 गांवों को एमडीडीए में शामिल कर दिया है. जिनमें चकराता, त्यूणी और कालसी के गांव शामिल हैं. गांव को एमडीडीए में शामिल किए जाने के बाद से ही स्थानीय लोगों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. जिसके विरोध में कालसी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सरदार सिंह के नेतृत्व में सभी लोगों ने नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन कर तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

स्थानीय लोगों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी रोष.

बता दें कि जौनसार बावर के चकराता तहसील के 16 गांव, त्यूणी तहसील के 11 गांव और कालसी तहसील के 11 गांवों को सरकार ने एमडीडीए में शामिल किया है. जिसके कारण स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कालसी गेट पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस मामले में विधायक प्रतिनिधि चकराता श्याम दत्त वर्मा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने जौनसार बावर के साथ सौतेला व्यवहार किया है. एमडीडीए का ये काला कानून लादकर आम जनता पर शोषण किया जा रहा है, जिसकी आड़ में सरकार यहां निर्माण कार्य नहीं करेगी और निर्माण की इजाजत के लिए लोगों को देहरादून जाना पड़ेगा. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पैसा कमाने के लिए गांवों को एमडीडीए में शामिल किया है.

विकासनगर: उत्तराखंड सरकार ने जौनसार बावर के 38 गांवों को एमडीडीए में शामिल कर दिया है. जिनमें चकराता, त्यूणी और कालसी के गांव शामिल हैं. गांव को एमडीडीए में शामिल किए जाने के बाद से ही स्थानीय लोगों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. जिसके विरोध में कालसी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सरदार सिंह के नेतृत्व में सभी लोगों ने नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन कर तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

स्थानीय लोगों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी रोष.

बता दें कि जौनसार बावर के चकराता तहसील के 16 गांव, त्यूणी तहसील के 11 गांव और कालसी तहसील के 11 गांवों को सरकार ने एमडीडीए में शामिल किया है. जिसके कारण स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कालसी गेट पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस मामले में विधायक प्रतिनिधि चकराता श्याम दत्त वर्मा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने जौनसार बावर के साथ सौतेला व्यवहार किया है. एमडीडीए का ये काला कानून लादकर आम जनता पर शोषण किया जा रहा है, जिसकी आड़ में सरकार यहां निर्माण कार्य नहीं करेगी और निर्माण की इजाजत के लिए लोगों को देहरादून जाना पड़ेगा. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पैसा कमाने के लिए गांवों को एमडीडीए में शामिल किया है.

Intro:जौनसार बावर के 38 गांवों को एमडीडीए में सरकार द्वारा मिलाए जाने का स्थानीय लोगों व कांग्रेस के लोगों ने कालसी में नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन कर तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.


Body:जौनसार बावर के चकराता तहसील के 16गांव त
त्यूणी तहसील के 11गांव व कालसी तहसील के 11गांवों को सरकार द्वारा एमडीडीए मे शामिल करने के विरोध मैं नाराज स्थानीय लोगों व काग्रेंस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कालसी गेट पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया.
कालसी ब्लॉक काग्रेस अध्यक्ष सरदार सिंह के नेतृत्व मे कालसी गेट से लेकर तहसील मुख्यालय तक नारेबाजी कर काले कानून को शीघ्र वापस लेने की मांग की गई.
कालसी तहसील पर काग्रेंस के लोगों ने एक ज्ञापन तहसील दार शाक्ति प्रसाद उनियाल के माध्यम से राज्यपाल को भेजा .


Conclusion:वहीं जौनसार बावर के 38 गांवों को देहरादून विकास प्राधिकरण मे लिए जाने से क्षेत्र की जनता में सरकार के खिलाफ लगातार रोष बना हुआ है देखना होगा की क्या जनजातीय क्षेत्र में ऐसे कानून सफल हो पाते है या फिर जनता के विरोध के सामने सरकार घूटने टेक देगी बात चाहे कुछ भी हो लेकिन इस समय पूरे जौनसार बावर क्षेत्र के लोगों मे गुस्सा भर हुआ है.
बाइट- विधायक प्रति निधि चकराता श्याम दत्त वर्मा
बाइट- तहसीलदार कालसी शक्ति प्रसाद उनियाल
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