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किसानों के समर्थन में कांग्रेस का प्रदर्शन, 15 जनवरी को राजभवन पर हल्लाबोल

15 जनवरी को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में देहरादून स्थित राजभवन कूच करेंगे. जिसको लेकर मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में रणनीति बनाई गई.

Congress protest
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह.
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Published : Jan 12, 2021, 7:43 PM IST

देहरादून/काशीपुर: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस एक बार फिर देशभर में सड़कों पर उतरने का मन बना रही है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर देश के सभी राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ 15 जनवरी को राजभवन कूच करेंगे. उत्तराखंड में भी कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अध्यक्षता में बैठक कर राजभवन कूच की रणनीति बनाई.

15 जनवरी को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में देहरादून स्थित राजभवन कूच करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ कांग्रेस लगातार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. आज देश का अन्नदाता सड़कों पर संघर्ष कर रहा है और केंद्र सरकार उनसे वार्ता तो कर रही है. लेकिन तीन कृषि कानूनों को लेकर मौन है. इसी परिपेक्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेसजनों से आह्वान किया है कि देश के सभी राज्यों में कांग्रेस किसानों के समर्थन में राज्यपाल भवन का घेराव करेंगे.

farmers movement
किसानों के लिए किया गया हवन.

कांग्रेस ने राजभवन कूच को सफल बनाने के लिए विधायकों, विधानसभा चुनाव 2017 के प्रत्याशी के अलावा अन्य पदाधिकारियों से वार्ता कर अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में प्रतिभाग करने को कहा है. कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि आगामी 15 तारीख को होने जा रहा राजभवन घेराव अभूतपूर्व होने जा रहा है.

पढ़ें: देहरादून और हरिद्वार के 40 सरकारी भवन बने ग्रीन बिल्डिंग, बचेगी बिजली

किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन

काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र के गड़ीनेगी गांव में मंगलवार को दर्जनों किसानों ने एकत्रित होकर दिल्ली आंदोलन में मरे किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान किसानों ने मोदी सरकार से कृषि बिल को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की.

भारतीय किसान यूनियन के नेता गगन कम्बोज ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर दर्जनों किसान शहीद हो गए हैं. परंतु मोदी सरकार अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आ रही. किसान तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक यह काला कानून सरकार वापस नहीं ले लेती.

देहरादून/काशीपुर: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस एक बार फिर देशभर में सड़कों पर उतरने का मन बना रही है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर देश के सभी राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ 15 जनवरी को राजभवन कूच करेंगे. उत्तराखंड में भी कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अध्यक्षता में बैठक कर राजभवन कूच की रणनीति बनाई.

15 जनवरी को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में देहरादून स्थित राजभवन कूच करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ कांग्रेस लगातार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. आज देश का अन्नदाता सड़कों पर संघर्ष कर रहा है और केंद्र सरकार उनसे वार्ता तो कर रही है. लेकिन तीन कृषि कानूनों को लेकर मौन है. इसी परिपेक्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेसजनों से आह्वान किया है कि देश के सभी राज्यों में कांग्रेस किसानों के समर्थन में राज्यपाल भवन का घेराव करेंगे.

farmers movement
किसानों के लिए किया गया हवन.

कांग्रेस ने राजभवन कूच को सफल बनाने के लिए विधायकों, विधानसभा चुनाव 2017 के प्रत्याशी के अलावा अन्य पदाधिकारियों से वार्ता कर अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में प्रतिभाग करने को कहा है. कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि आगामी 15 तारीख को होने जा रहा राजभवन घेराव अभूतपूर्व होने जा रहा है.

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किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन

काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र के गड़ीनेगी गांव में मंगलवार को दर्जनों किसानों ने एकत्रित होकर दिल्ली आंदोलन में मरे किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान किसानों ने मोदी सरकार से कृषि बिल को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की.

भारतीय किसान यूनियन के नेता गगन कम्बोज ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर दर्जनों किसान शहीद हो गए हैं. परंतु मोदी सरकार अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आ रही. किसान तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक यह काला कानून सरकार वापस नहीं ले लेती.

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