देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) चरम पर है. चारों धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. अब बिना रजिस्ट्रेशन की किसी भी श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं मिलेगी. जिसे लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है.
कांग्रेस का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार नए नए प्रयोग करने से बाज आए. सरकार के नए नए प्रयोग से हजारों यात्री बगैर दर्शन के वापस लौट रहे हैं. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी (Congress Spokesperson Garima Mehra Dasauni) का कहना है कि सरकार को इस बात का फैसला समय रहते कर लेना चाहिए था, लेकिन जब यात्री चारधाम के दर्शन करने उत्तराखंड आ रहे हैं तो सरकार रजिस्ट्रेशन के नाम पर उन्हें प्रताड़ित और शोषित कर रही है. यह हमारे अतिथि देवो भव: की संस्कृति से बिल्कुल उलट है.
सरकार के मंत्रियों के अलग-अलग आ रहे बयानः गरिमा दसौनी का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे हैं और लोगों को ऋषिकेश जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है. सरकार का चारधाम यात्रा को लेकर कोई समन्वय दिखाई नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, गणेश जोशी और खुद मुख्यमंत्री के बयान अलग-अलग आ रहे हैं. चारधाम यात्रा को लेकर सरकार में कोई तालमेल दिखाई नहीं पड़ता है. ऐसे में अब चारधाम यात्रा और यात्री सरकार के हाथों से सरकती भी दिखाई दे रही है.
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कांग्रेस का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर सरकार गंभीर नहीं हैं, क्योंकि यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार कोई व्यवस्थाएं नहीं कर रही है. इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. हालात ये है कि ट्रांसपोर्ट और परिवहन की वजह से यहां आने वाले यात्रियों का बजट बिगड़ रहा है. ऊपर से सरकार ने यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण का (Registration in Chardham Yatra) नया राग शुरू कर दिया गया है.