देहरादून: उधम सिंह नगर जिले के निवर्तमान एसएसपी बरिंदर जीत सिंह ने अपने तबादले आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में शरण ली है. इससे शासन और गृह मंत्रालय में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में कांग्रेस ने भी अब त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अधिकारियों पर प्रभाव डाल कर विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बना रही है. यही कारण रहा कि उधम सिंह नगर के निवर्तमान एसएसपी को इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है. आईपीएस बरिंदर जीत सिंह का जिस प्रकार से तबादला किया गया है, उस पर उनका कहना है कि इतने छोटे से कार्यकाल में उनका कई बार तबादला कर दिया गया. धस्माना ने कहा कि किसी आईपीएस अधिकारी का तबादला इसलिए कर दिया जाता है कि वह सत्ताधारी दल की बात नहीं मानता है. यही कारण है कि वह सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट की शरण में जा रहे हैं, क्योंकि सरकार उनका दंडात्मक तरीके से तबादला कर रही है.
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उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर मामला है और सरकार का अधिकारियों पर प्रभाव डालने का प्रयास चलता रहता है कि किस प्रकार से सरकारी अधिकारियों पर प्रभाव का इस्तेमाल करके विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया जाए.
बता दें कि बीते दिनों भाजपा नेताओं से विवाद के बाद बरिंदर जीत सिंह का तबादला एसएसपी उधम सिंह नगर के पद से आईआरबी बैलपड़ाव के सेनानायक पद पर किया गया था. इससे नाराज निवर्तमान एसएसपी ने तबादला आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में शरण ली है. उनका कहना है कि 12 साल की सेवा में उनके आठ बार तबादले कर दिए गए हैं.
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वहीं, इसी को लेकर अब कांग्रेस ने भी त्रिवेंद्र सरकार पर अधिकारियों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि यही वजह है कि आईपीएस अधिकारी ने सत्ताधारी दल की बात को नहीं माना, इसलिए उनका उधम सिंह नगर से तबादला कर दिया गया.