देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने कैंडल मार्च निकाला. यह कैंडल मार्च पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में देहरादून के गांधी पार्क से घंटाघर तक निकाला गया. कांग्रेसियों का कहना है अंकिता हत्याकांड के चार महीने बीत जाने के बावजूद वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है. जिससे लोगों में भारी आक्रोश है. ऐसे में आम जनमानस सरकार की ओर से गठित एसआईटी की जांच से असंतुष्ट है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि बीजेपी सरकार में उत्तराखंड राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. आए दिन महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही है. उनका कहना है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में बहुत सारे सवाल उलझे हुए हैं. उन्होंने रिजॉर्ट में बुलडोजर चलाए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर किस के आदेशों से बुलडोजर चलाया गया और क्यों चलाया गया? रिजॉर्ट को सील क्यों नहीं किया गया और वहां पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में दो बार आग कैसे लग गई? उन्होंने कहा कि राज्य के मैदानी जिले ही नहीं बल्कि, पर्वतीय जिलों में भी महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है.
वहीं, हरीश रावत ने सरकार से मांग उठाते हुए कहा कि अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) के दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए, ताकि वीआईपी का नाम उजागर हो सके और सच्चाई सबके सामने आ पाए. वहीं, कांग्रेस ने अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर प्रत्येक माह की एक तारीख को कैंडल मार्च निकालने का भी निर्णय लिया है.
ये भी पढे़ंः अंकिता मर्डर केस के बाद सहमी गढ़वाल विवि की छात्राएं
क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केस: गौर हो कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ था.
ये भी पढे़ंः अधूरी रह गई अंकिता भंडारी की इच्छा, माता-पिता के लिए बनाना चाहती थी दो कमरों का घर