देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय उत्तराखंड के दौरे पर है. शनिवार को उत्तराखंड पहुंचकर पीएम मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए और धाम में ही उनका आज रात्रि विश्राम होगा. जिसके बाद कल पीएम मोदी बदरी विशाल के दर्शन करेंगे. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी के इस दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि पीएम लोकसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने बाबा केदार के दर पर पहुंचे हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री का चारधाम आना और केदारधाम में इतना समय बिताने के पीछे का एक मकसद ये भी है कि देश-दुनिया को यह संदेश जाए कि चारधाम यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है. जबकि, कांग्रेस ने पीएम के इस पूरे दौरे को राजनीतिक स्टंट करार दिया है.
बता दें कि यह चौथी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे है. इसके साथ ही नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले पीएम बन गए हैं जो बतौर प्रधानमंत्री केदारनाथ धाम में चार बार दर्शन करने आये हैं. वहीं, इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बदरी विशाल के दर्शन भी करने जा रहे हैं. हालांकि, प्रधानमत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने साल 1980 में बाबा केदार के दर्शन करने आयी थी और बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने दो बार बाबा केदार के दर्शन किये थे.
पीएम को दौरे से जाएगा संदेश
हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा करने आते हैं. हालांकि, साल 2013 में केदारनाथ धाम में आई आपदा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी देखी गई. लेकिन केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्य के बाद अब श्रद्धालुओं की संख्या ने अपने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. ऐसे में चारधाम यात्रा की शुरुआत में ही पीएम मोदी के केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दौरे के बाद उम्मीद है कि इस साल चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या में और भी इजाफा होगा. साथ ही पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो केदारनाथ में रात बिताएंगे. इससे देश-विदेश में एक संदेश जरुर जाएगा कि आपदा के बाद केदारनाथ में एक बार फिर व्यवस्थाएं मुकम्मल हो गई है. इससे लोगों का चारधाम यात्रा की ओर रुझान बढ़ेगा.
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पिछले कुछ सालों में चारधाम यात्रियों के आकड़े
- साल 2012 में 27 लाख 98 हज़ार 466 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
- साल 2013 में 13 लाख 53 हज़ार 139 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
- साल 2014 में 3 लाख 27 हज़ार 213 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
- साल 2015 में 8 लाख 75 हज़ार 77 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
- साल 2016 में 15 लाख 21 हज़ार 494 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
- साल 2017 में 23 लाख 24 हज़ार 158 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
- साल 2018 में 27 लाख 69 हज़ार 508 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी.
चुनाव जीतने के लिए भगवान का इस्तेमाल करती है बीजेपी
वहीं, कांग्रेस ने पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे को लेकर सवाल खड़े किये हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि जब प्रदेश भीषण आपदा से जूझ रहा था. तब सबसे पहले राहुल गांधी ने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा कर देश-दुनिया के श्रद्धालुओं में उत्साह पैदा किया. बिष्ट ने कहा कि जब भी चारधाम कोई वीवीआईपी आता है तो लोगों का विश्वास मजबूत होता है कि यात्रा सुरक्षित है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी केदारनाथ आए हैं वो सिर्फ राजनीतिक कारणों से आये और उनका कोई भी दौरा चारधाम में पर्यटन को बढ़ाने के लिहाजा से नहीं था. बल्कि, जब केदारघाटी आपदा से जूझ रही थी तब भी केंद्र ने कोई पैकेज नहीं दिया. इस बार भी प्रधानमंत्री बाबा केदार के दर पर बस जीत का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं. बीजेपी ने भगवानों के नाम पर केवल और केवल राजनीतिक लाभ लिया है. अब भगवान राम की शरण छोड़कर पीएम महादेव की शरण में पहुंच गए है. बीजेपी की आस्था केवल चुनाव जीतने तक ही सीमित है.
प्रधानमंत्री की वेशभूषा पर भी खड़े किए सवाल
वहीं, कांग्रेस ने केदार बाबा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री मोदी की वेशभूषा को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने कहा कि पीएम मोदी के परिधान को स्थानीय वेशभूषा कहकर तमात न्यूज चैनलों में प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है. लेकिन वह परिधान उत्तराखंडी वेशभूषा से मेल नहीं खाता. रावत का कहना है कि पीएम की ड्रेस को स्थानीय वेशभूषा बताना बिल्कुल भ्रामक है. दरअसल, पीएम मोदी ने जो वस्त्र धारण किए हुए हैं. वह तिब्बती लामा पैटर्न पर आधारित वस्त्र हैं और जो टोपी पीएम ने पहनी हुई है वो हिमाचली टोपी है.