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शीतकालीन सत्र पर बोली कांग्रेस, प्रदेश की पीड़ा उजागर करने को तीन दिन नाकाफी

उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने सरकार को घेरने का पूरा मन बनाया है. कांग्रेस सत्र के दौरान ज्यादा से ज्याद मुद्दे उठाना चाहती है. इसीलिए उन्होंने सरकार के मांग कि है कि शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाई जाए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह
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Published : Dec 15, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 7:02 AM IST

देहरादून: 21 दिसंबर से उत्तराखंड विधानसभा की तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आहूत होने जा रहा है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधानसभा सत्र की अवधि को कम बताते हुए कहा कि इतने कम समय में सभी विषयों का समायोजन कर पाना संभव नहीं है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कार्यमंत्रणा बैठक में इस बात की कोशिश की जाएगी कि सत्र की अवधि बढे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले एक दिवसीय सत्र आहूत किया गया था. उस एक दिवसीय सत्र को भी सरकार ने मनमाने तरीके से चलाने का काम किया था. जब विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से संरक्षण की अपील की, तो विपक्ष को संरक्षण नहीं मिल पाया.

पढ़ें- 21 दिसंबर से विस का शीतकालीन सत्र, ईटीवी भारत पर देखिए सदन की व्यवस्थाएं

प्रीतम सिंह ने कहा कि इस बार भी सरकार ने शीतकालीन सत्र तीन दिन का आहूत किया है, लेकिन तीन दिन के सत्र में प्रदेश की पीड़ा को उजागर नहीं किया जा सकता. नेता प्रतिपक्ष जब विधानमंडल दल की बैठक आहूत करेगी. उस बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि कौन सा विषय प्राथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा. हालांकि विपक्ष सभी मुद्दे उठाने की पूरी कोशिश रहेगी, लेकिन सत्र की अवधि 3 दिन की होने से यह संभव दिखाई नहीं दे रहा है.

देहरादून: 21 दिसंबर से उत्तराखंड विधानसभा की तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आहूत होने जा रहा है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधानसभा सत्र की अवधि को कम बताते हुए कहा कि इतने कम समय में सभी विषयों का समायोजन कर पाना संभव नहीं है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कार्यमंत्रणा बैठक में इस बात की कोशिश की जाएगी कि सत्र की अवधि बढे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले एक दिवसीय सत्र आहूत किया गया था. उस एक दिवसीय सत्र को भी सरकार ने मनमाने तरीके से चलाने का काम किया था. जब विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से संरक्षण की अपील की, तो विपक्ष को संरक्षण नहीं मिल पाया.

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प्रीतम सिंह ने कहा कि इस बार भी सरकार ने शीतकालीन सत्र तीन दिन का आहूत किया है, लेकिन तीन दिन के सत्र में प्रदेश की पीड़ा को उजागर नहीं किया जा सकता. नेता प्रतिपक्ष जब विधानमंडल दल की बैठक आहूत करेगी. उस बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि कौन सा विषय प्राथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा. हालांकि विपक्ष सभी मुद्दे उठाने की पूरी कोशिश रहेगी, लेकिन सत्र की अवधि 3 दिन की होने से यह संभव दिखाई नहीं दे रहा है.

Last Updated : Dec 16, 2020, 7:02 AM IST
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