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गणेश जोशी और पूर्व CM त्रिवेंद्र की अदावत को कांग्रेस ने बताया नूराकुश्ती, कहा-जनता तय करेगी सजा - उत्तराखंड राजनीतिक न्यूज

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और नए-नवेले मंत्री गणेश जोशी के बीच इन दिनों कोल्ड वॉर चल रहा है. गणेश जोशी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र पर वार किया तो उन्होंने पलटवार किया. हालांकि जुबानी जंग की शुरूआत पहले गणेश जोशी ने की.

गणेश जोशी और त्रिवेंद्र रावत
गणेश जोशी और पूर्व CM त्रिवेंद्र
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Published : May 14, 2021, 7:37 AM IST

Updated : May 14, 2021, 8:10 AM IST

देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की अदावत इन दिनों प्रदेश की सियासत में सुर्खियां बनी हुई हैं. जिससे सूबे में सियासत गर्मा गई है. वहीं दोनों नेताओं की बयानबाजी ने कांग्रेस को बैठे-बिठाए मौका दे दिया है. कांग्रेस का कहना है कि दोनों नेताओं की नूराकुश्ती की सजा जनता तय करेगी.

गणेश जोशी और पूर्व CM त्रिवेंद्र की अदावत को कांग्रेस ने बताया नूराकुश्ती.

दरअसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के लिए त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अगर त्रिवेंद्र सरकार बेहतर कार्य करती तो तीरथ सरकार पर ऐसा बोझ नहीं पड़ता. जिसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी गणेश जोशी को अनुभवहीन बताते हुए उनकी टिप्पणी को महत्वहीन बताया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि अब यह जनता को तय करना है कि दोनों नेताओं के बीच चल रही इस बयानबाजी पर क्या सजा मुकर्रर करती है?

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है इस आपदा के समय सरकार को अपना पूरा फोकस महामारी से लड़ने में केंद्रित करना चाहिए था. लेकिन राज्य में भाजपा के दो दिग्गज नेताओं के बीच नूराकुश्ती देखने को मिल रही है. गरिमा दसौनी का कहना है कि ऐसे में यह मामला जनता के दरबार में आ गया है. अब जनता को इसका निर्णय करना होगा कि जब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी अपनी सरकार पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं, तो इससे साबित होता है कि विपक्ष ने कोरोनाकाल में जो आरोप लगाए थे, वह सत्य साबित हुए हैं.

भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन का कहना है कि नेताओं को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी बेहतर कार्य कर रही थी और अब भी सरकार अच्छा काम कर रही है.

पढ़ें: उत्तराखंड के मंत्रियों के निशाने पर क्यों हैं पूर्व CM त्रिवेंद्र, जानिए अंदर की कहानी

यह हैं पूरा मामला?

गणेश जोशी का बयान

प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बड़ा बयान दिया था. जोशी ने कहा था कि इसको लापरवाही और कमी दोनों कह सकते हैं, क्योंकि किसी को यह नहीं मालूम था कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आएगी. पूरी सरकार अपने आप में मस्त हो गई थी. उसी लापरवाही की वजह से ही मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत और उनके मंत्रियों पर एकदम बोझ बढ़ गया है, लेकिन कोरोना से निपटने के लिए सभी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब इस पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार किया है और उन्हें अनुभवहीन मंत्री बताया.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने क्या कहा

तीरथ सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है. इस पर अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी बयान खासा सुर्खियों में रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में साफ कहा है कि गणेश जोशी अनुभवहीन मंत्री हैं. किसी भी विभाग को समझने के लिए पांच से छह महीने चाहिए होते थे और वे उस विभाग की बात कर रहे हैं जो उनके पास है ही नहीं.

देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की अदावत इन दिनों प्रदेश की सियासत में सुर्खियां बनी हुई हैं. जिससे सूबे में सियासत गर्मा गई है. वहीं दोनों नेताओं की बयानबाजी ने कांग्रेस को बैठे-बिठाए मौका दे दिया है. कांग्रेस का कहना है कि दोनों नेताओं की नूराकुश्ती की सजा जनता तय करेगी.

गणेश जोशी और पूर्व CM त्रिवेंद्र की अदावत को कांग्रेस ने बताया नूराकुश्ती.

दरअसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के लिए त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अगर त्रिवेंद्र सरकार बेहतर कार्य करती तो तीरथ सरकार पर ऐसा बोझ नहीं पड़ता. जिसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी गणेश जोशी को अनुभवहीन बताते हुए उनकी टिप्पणी को महत्वहीन बताया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि अब यह जनता को तय करना है कि दोनों नेताओं के बीच चल रही इस बयानबाजी पर क्या सजा मुकर्रर करती है?

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है इस आपदा के समय सरकार को अपना पूरा फोकस महामारी से लड़ने में केंद्रित करना चाहिए था. लेकिन राज्य में भाजपा के दो दिग्गज नेताओं के बीच नूराकुश्ती देखने को मिल रही है. गरिमा दसौनी का कहना है कि ऐसे में यह मामला जनता के दरबार में आ गया है. अब जनता को इसका निर्णय करना होगा कि जब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी अपनी सरकार पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं, तो इससे साबित होता है कि विपक्ष ने कोरोनाकाल में जो आरोप लगाए थे, वह सत्य साबित हुए हैं.

भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन का कहना है कि नेताओं को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी बेहतर कार्य कर रही थी और अब भी सरकार अच्छा काम कर रही है.

पढ़ें: उत्तराखंड के मंत्रियों के निशाने पर क्यों हैं पूर्व CM त्रिवेंद्र, जानिए अंदर की कहानी

यह हैं पूरा मामला?

गणेश जोशी का बयान

प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बड़ा बयान दिया था. जोशी ने कहा था कि इसको लापरवाही और कमी दोनों कह सकते हैं, क्योंकि किसी को यह नहीं मालूम था कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आएगी. पूरी सरकार अपने आप में मस्त हो गई थी. उसी लापरवाही की वजह से ही मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत और उनके मंत्रियों पर एकदम बोझ बढ़ गया है, लेकिन कोरोना से निपटने के लिए सभी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब इस पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार किया है और उन्हें अनुभवहीन मंत्री बताया.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने क्या कहा

तीरथ सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है. इस पर अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी बयान खासा सुर्खियों में रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में साफ कहा है कि गणेश जोशी अनुभवहीन मंत्री हैं. किसी भी विभाग को समझने के लिए पांच से छह महीने चाहिए होते थे और वे उस विभाग की बात कर रहे हैं जो उनके पास है ही नहीं.

Last Updated : May 14, 2021, 8:10 AM IST
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