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कंपनी के खर्चे पर कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट के निर्देश पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि इंडस्ट्री सेक्टर की पहले से ही कमर टूटी हुई है. पूरा व्यापार खत्म हो गया है. ऐसे में इंडस्ट्री अपने कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कैसे कराएगी. उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में सरकार को कंपनी की मदद करनी चाहिए.

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कंपनी के खर्चे पर कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट के निर्देश पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
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Published : Jul 21, 2020, 2:59 PM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि प्रदेश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 4642 तक पहुंच गयी है. वहीं, दो दिन के अंदर हरिद्वार स्थित सिडकुल में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले 288 कर्मचारियों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है.

बहरहाल, अभी 400 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट आनी बाकी है. जिसके बाद से प्रदेश की तमाम कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है. यही नहीं हरिद्वार के जिलाधिकारी द्वारा औद्योगिक इकाइयों के 10 फीसदी कर्मचारियों की कंपनी के खर्चे पर कोरोना जांच के निर्देश के बाद से कंपनियों के मालिक काफी परेशान हो गए हैं.

कंपनी के खर्चे पर कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट के निर्देश पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल.

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान जहां सभी कंपनियों के कमर टूट गई है. ऐसे में अब अनलॉक के दौरान धीरे-धीरे सभी कंपनियां अपने आप को फिर से खड़ी कर रही हैं. वही, अब औद्योगिक इकाइयों के 10 फीसदी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कंपनी के खर्चे पर कैसे कराया जाएगा. हालांकि जो बड़ी कंपनियां हैं वह अपने कंपनी के कर्मचारी का कोरोना टेस्ट तो करा सकती हैं, लेकिन जो छोटी कंपनियां हैं वे अपने कर्मचारियों का टेस्ट कैसे कराएंगी? वो भी प्राइवेट लैब में.

उन्होंने बताया कि इस मामले में जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर परेशानियों से अवगत कराया जाएगा. ताकि प्रशासन द्वारा कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों का टेस्ट कराया जा सके. इसके साथ ही पंकज गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से कंपनी के ऊपर केस दर्ज किया गया है, वह गलत है. क्योंकि सभी कंपनियां सावधानीपूर्वक ही काम कर रही हैं. कंपनियों में सोशल- डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग किया जा रहा है. कंपनी मालिकों को कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के कुल कर्मचारियों में से 10 फीसदी कर्मचारियों का कंपनी के पैसे पर कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश के बाद, कांग्रेस ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

ये भी पढ़ें: यूपी के पूर्व डीजी पर पत्नी ने लगाये घरेलू हिंसा के आरोप, दून पुलिस ने की पूछताछ

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि इंडस्ट्री सेक्टर की पहले से ही कमर टूटी हुई है. पूरा व्यापार खत्म हो गया है. ऐसे में इंडस्ट्री अपने कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कैसे कराएगी. उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में सरकार को कंपनी की मदद करनी चाहिए. मामले में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि यह निर्णय बहुत व्यवहारिक है. यही नहीं, यह एक सामूहिक और सामुदायिक काम है, लिहाजा इन कामों को बांटकर करना होगा.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि प्रदेश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 4642 तक पहुंच गयी है. वहीं, दो दिन के अंदर हरिद्वार स्थित सिडकुल में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले 288 कर्मचारियों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है.

बहरहाल, अभी 400 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट आनी बाकी है. जिसके बाद से प्रदेश की तमाम कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है. यही नहीं हरिद्वार के जिलाधिकारी द्वारा औद्योगिक इकाइयों के 10 फीसदी कर्मचारियों की कंपनी के खर्चे पर कोरोना जांच के निर्देश के बाद से कंपनियों के मालिक काफी परेशान हो गए हैं.

कंपनी के खर्चे पर कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट के निर्देश पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल.

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान जहां सभी कंपनियों के कमर टूट गई है. ऐसे में अब अनलॉक के दौरान धीरे-धीरे सभी कंपनियां अपने आप को फिर से खड़ी कर रही हैं. वही, अब औद्योगिक इकाइयों के 10 फीसदी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कंपनी के खर्चे पर कैसे कराया जाएगा. हालांकि जो बड़ी कंपनियां हैं वह अपने कंपनी के कर्मचारी का कोरोना टेस्ट तो करा सकती हैं, लेकिन जो छोटी कंपनियां हैं वे अपने कर्मचारियों का टेस्ट कैसे कराएंगी? वो भी प्राइवेट लैब में.

उन्होंने बताया कि इस मामले में जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर परेशानियों से अवगत कराया जाएगा. ताकि प्रशासन द्वारा कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों का टेस्ट कराया जा सके. इसके साथ ही पंकज गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से कंपनी के ऊपर केस दर्ज किया गया है, वह गलत है. क्योंकि सभी कंपनियां सावधानीपूर्वक ही काम कर रही हैं. कंपनियों में सोशल- डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग किया जा रहा है. कंपनी मालिकों को कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के कुल कर्मचारियों में से 10 फीसदी कर्मचारियों का कंपनी के पैसे पर कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश के बाद, कांग्रेस ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

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कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि इंडस्ट्री सेक्टर की पहले से ही कमर टूटी हुई है. पूरा व्यापार खत्म हो गया है. ऐसे में इंडस्ट्री अपने कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कैसे कराएगी. उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में सरकार को कंपनी की मदद करनी चाहिए. मामले में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि यह निर्णय बहुत व्यवहारिक है. यही नहीं, यह एक सामूहिक और सामुदायिक काम है, लिहाजा इन कामों को बांटकर करना होगा.

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