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पीएम मोदी की सभा में राज्यपाल की मौजूदगी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- संवैधानिक पद की मर्यादा हुई कम

देहरादून में पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह की मौजदूगी कांग्रेस को नागवार गुजरी. कांग्रेस ने राज्यपाल की उपस्थित पर सवाल खड़े करते हुए इसे संवैधानिक रूप से गलत करार दिया. साथ ही कहा कि राज्पाल के पीएम मोदी की सभा में शामिल होने से संवैधानिक पद की मर्यादा कम हुई है.

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Published : Dec 4, 2021, 7:02 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 8:09 PM IST

pm modi program in uttarakhand
पीएम मोदी की सभा में राज्यपाल

देहरादून: अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उत्तराखंड को 18 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात दी. इस दौरान पीएम ने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धि गिनाईं. इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह भी मंच पर मौजूद दिखाई दिए. वहीं, राज्यपाल के मंच साझा करने को विपक्ष ने संवैधानिक रूप से गलत बताया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर कांग्रेस ने जहां उनसे विकास कार्यों को लेकर तमाम सवाल पूछा. वहीं, कार्यक्रम के मंच पर संवैधानिक व्यवस्थाओं को लेकर भी कुछ सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने कहा भाजपा ने अपनी सरकार के दौरान संवैधानिक पदों का भी मान घटाया है. इसी कड़ी में आज जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के इस सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मौजूद रहे, उससे भी इस संवैधानिक पद की मर्यादा कम हुई है.

पीएम मोदी की सभा में राज्यपाल

वहीं, कांग्रेस के हमले पर भाजपा ने भी पलटवार किया. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने कहा कि उन्हें हैरानी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिस तरह एक बड़ी जनसभा हुई, उसके बावजूद कांग्रेस आरोप लगाने की हिम्मत दिखा रही है. जबकि भाजपा मान कर चल रही थी कि मोदी की इतनी बड़ी जनसभा के बाद कांग्रेस अगले 3 से 4 दिनों तक मूर्छित अवस्था में ही रहेगी, लेकिन यह बड़ी हिम्मत है कि भाजपा को मिले इस अपार प्रेम के बावजूद भी कांग्रेस इस तरह के गलत आरोप लगाने की हिम्मत जुटा रही है.

ये भी पढ़ें: 'उन्होंने सेना का मनोबल गिराने की कसम खाई हो', PM मोदी का कांग्रेस पर निशाना

वहीं, इस मामले में जब ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत से बात की तो उन्होंने कहा सही मायनों में यह कार्यक्रम अट्ठारह हजार करोड़ की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण का था. ऐसे में यदि मंच पर उत्तराखंड के राज्यपाल भी मौजूद थे तो इसे गलत नहीं माना जाना चाहिए. प्रदेश में अभी आचार संहिता नहीं लगी है और यह कोई चुनावी कार्यक्रम भी नहीं था.

यदि यह कार्यक्रम बीजेपी का होता तो चुनावी होता कार्यक्रम होता. तब राज्यपाल का यहां पर रहना गलत माना जा सकता था, लेकिन यदि प्रदेश की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में प्रदेश के संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल का यहां आना गलत नहीं ठहराया जा सकता.

उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य में प्रधानमंत्री जाते हैं, वहां स्वागत के लिए राज्यपाल पहुंचते हैं. यदि उस राज्य को कुछ नई योजनाएं मिल रही है तो भी राज्यपाल वहां पर रह सकते हैं.

देहरादून: अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उत्तराखंड को 18 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात दी. इस दौरान पीएम ने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धि गिनाईं. इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह भी मंच पर मौजूद दिखाई दिए. वहीं, राज्यपाल के मंच साझा करने को विपक्ष ने संवैधानिक रूप से गलत बताया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर कांग्रेस ने जहां उनसे विकास कार्यों को लेकर तमाम सवाल पूछा. वहीं, कार्यक्रम के मंच पर संवैधानिक व्यवस्थाओं को लेकर भी कुछ सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने कहा भाजपा ने अपनी सरकार के दौरान संवैधानिक पदों का भी मान घटाया है. इसी कड़ी में आज जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के इस सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मौजूद रहे, उससे भी इस संवैधानिक पद की मर्यादा कम हुई है.

पीएम मोदी की सभा में राज्यपाल

वहीं, कांग्रेस के हमले पर भाजपा ने भी पलटवार किया. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने कहा कि उन्हें हैरानी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिस तरह एक बड़ी जनसभा हुई, उसके बावजूद कांग्रेस आरोप लगाने की हिम्मत दिखा रही है. जबकि भाजपा मान कर चल रही थी कि मोदी की इतनी बड़ी जनसभा के बाद कांग्रेस अगले 3 से 4 दिनों तक मूर्छित अवस्था में ही रहेगी, लेकिन यह बड़ी हिम्मत है कि भाजपा को मिले इस अपार प्रेम के बावजूद भी कांग्रेस इस तरह के गलत आरोप लगाने की हिम्मत जुटा रही है.

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वहीं, इस मामले में जब ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत से बात की तो उन्होंने कहा सही मायनों में यह कार्यक्रम अट्ठारह हजार करोड़ की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण का था. ऐसे में यदि मंच पर उत्तराखंड के राज्यपाल भी मौजूद थे तो इसे गलत नहीं माना जाना चाहिए. प्रदेश में अभी आचार संहिता नहीं लगी है और यह कोई चुनावी कार्यक्रम भी नहीं था.

यदि यह कार्यक्रम बीजेपी का होता तो चुनावी होता कार्यक्रम होता. तब राज्यपाल का यहां पर रहना गलत माना जा सकता था, लेकिन यदि प्रदेश की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में प्रदेश के संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल का यहां आना गलत नहीं ठहराया जा सकता.

उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य में प्रधानमंत्री जाते हैं, वहां स्वागत के लिए राज्यपाल पहुंचते हैं. यदि उस राज्य को कुछ नई योजनाएं मिल रही है तो भी राज्यपाल वहां पर रह सकते हैं.

Last Updated : Dec 4, 2021, 8:09 PM IST
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