देहरादून: क्या भारतीय जनता पार्टी सरकारी स्कूलों के बच्चों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है. क्या अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सब कुछ जानते हुए भी सरकारी स्कूलों को आदेश दिए कि वह एबीवीपी के कार्यक्रम में बच्चों को भेजें. उत्तराखंड कांग्रेस ने भाजपा पर इसी तरह के कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस ने बकायदा अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी सत्यनारायण का एक पत्र जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अल्मोड़ा इकाई में जिला सम्मेलन के दौरान कक्षा 9 से 11वीं तक के छात्र-छात्राओं को प्रतिभाग करना है. इस पत्र को अल्मोड़ा जिले के 7 स्कूलों के प्रधानाचार्य को भेजा गया है. अब इस पत्र को सामने लाकर कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकारी सिस्टम को गलत तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
पत्र को जारी करने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने इसको लेकर बाकायदा उत्तराखंड के शिक्षा सचिव को भी पत्र लिखकर मामले का संज्ञान लेने की बात कही है. गरिमा ने कहा इस तरह से राजनीतिक पार्टी के कार्यक्रमों में छात्रों का शामिल होना, शिक्षा व्यवस्था को धूमिल कर रही है.
गरिमा ने कहा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कुछ बच्चे राहुल गांधी से प्रभावित होकर खुद शामिल हुए थे, तब बीजेपी ने बहुत हल्ला किया था, लेकिन अब बीजेपी शासित उत्तराखंड में एक सरकारी अधिकारी तमाम सरकारी स्कूलों के बच्चों को राजनीतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए मजबूर करते हैं. तब किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकलता. यह उत्तराखंड में सरकार और सिस्टम का काला चिट्ठा उजागर करता है. कांग्रेस ने मामले की जांच और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सचिव को पत्र लिखा है.
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बता दें कि मामला 10 दिन पुराना है. 16 फरवरी को आयोजित अल्मोड़ा एबीवीपी जिला सम्मेलन कार्यक्रम में स्कूली छात्रों को भी प्रतिभाग करवाया गया था, लेकिन उसके 1 दिन बाद ही संबंधित शिक्षा अधिकारी सत्यनारायण को अल्मोड़ा से हटाकर देहरादून अटैच कर दिया गया. हालांकि, अब मौजूदा मुख्य शिक्षा अधिकारी हेमलता भट्ट ने 17 फरवरी को ही तमाम शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर यह आदेश दिए हैं कि किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में बच्चों को न भेजा जाए. पूर्व में जो घटना हुई है, उससे सबक लिया जाए.
मुख्य शिक्षा अधिकारी हेमलता भट्ट का कहना है कि यह मामला उनके आने से पहले का है, लेकिन जैसे ही उनके संज्ञान में यह मामला आया है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से इस पर एक्शन लेकर आगे से इस तरह की कोई घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके आदेश दिए हैं.
बता दें कि अल्मोड़ा शिक्षा विभाग की ओर से जारी सीईओ के आदेश का एक पत्र वायरल हो रहा है. इस पत्र में विद्यालयों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों के बच्चों के हिस्सा लेने के आदेश तत्कालीन सीईओ की ओर से जारी किए गए हैं. जबकि विद्यालयों में वार्षिक परीक्षाएं होनी है. इसका संज्ञान लेते हुए वर्तमान सीईओ ने सभी विद्यालयों को स्कूल से बाहर के कार्यक्रमों में हिस्सा ना लेने के निर्देश जारी किए हैं.
दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से 16 फरवरी को नंदा देवी प्रांगण में छात्र गर्जना सम्मेलन हुआ. जिसमें विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से ज्यादा संख्या में नगर क्षेत्र के 7 विद्यालयों के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इस दौरान नंदा देवी परिसर से रैमजे इंटर कॉलेज तक शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें स्कूली छात्र-छात्राएं हाथों में एबीवीपी का झंडा लेकर सड़कों में संगठन के पक्ष में नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए.
वहीं, वार्षिक परीक्षाओं के लिए बच्चों को तैयार करने और उनके पठन-पाठन की ओर ध्यान देने के बजाय विद्यालयों के 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को किसी संगठन विशेष के कार्यक्रम में शिरकत कराने के आदेश पर शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी हुई.