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कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष का आरोप, प्रवासियों पर सरकार की नीयत में खोट

प्रवासियों के क्वारंटाइन की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को देने पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. कहा की सरकार की अगर नीयत होती तो दो लाख तो क्या सरकार 10 लाख लोगों को भी क्वारंटाइन कर सकती थी.

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कोरना में कांग्रेस का बीजेपी पर वार.
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Published : May 15, 2020, 7:31 PM IST

Updated : May 26, 2020, 4:35 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन होने कारण परिवहन सेवा बंद है.जिसके चलते राज्य सरकार प्रवासियों को वापस लाने का काम लगातार कर रही है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरीके से प्रवासियों को उत्तराखंड लाने का कार्य जारी है, सरकार को इतना अवसर मिला था कि सरकार यदि चाहती तो बहुत अच्छी व्यवस्था कर सकती थी, लेकिन सरकार ने ग्राम प्रधानों पर जिम्मेदारी सौंपकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया.

उन्होंने प्रश्न किया कि क्या यह संभव है कि ग्राम प्रधान लोगों को क्वारंटाइन कर सकता है. इसके कारण पूरे पहाड़ में तनाव पैदा हो चुका है और कई जगह पर लड़ाई-झगड़े सुनने में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रदेश का बंटाधार करने में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का हाथ है.

कोरना में कांग्रेस का बीजेपी पर वार.

यह भी पढ़ें-टिहरी: मजदूरों को लेकर बिहार जा रही बस पलटी, बाल-बाल बचे यात्री

धस्माना ने कहा कि जिस तरह हर साल हरिद्वार और ऋषिकेश आदि जगह पर लाखों लोग उत्तराखंड आते हैं. 2010 के कुंभ में भी अंतिम दिन एक करोड़ लोगों ने स्नान किया था. तब सरकार ने सभी की तैयारियां की थी. लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन होने के कारण सरकार के पास एक बार फिर मौका है कि प्रवासियों का इन्तेजाम खुद करने का. लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों को लेण ही नहीं चाहती. लॉकडाउन के कारण सभी होटल और धर्मशाला खाली है. अगर सरकार की नीयत होती तो दो लाख तो क्या सरकार 10 लाख लोगों को भी क्वारंटाइन कर सकती है.

देहरादून: लॉकडाउन होने कारण परिवहन सेवा बंद है.जिसके चलते राज्य सरकार प्रवासियों को वापस लाने का काम लगातार कर रही है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरीके से प्रवासियों को उत्तराखंड लाने का कार्य जारी है, सरकार को इतना अवसर मिला था कि सरकार यदि चाहती तो बहुत अच्छी व्यवस्था कर सकती थी, लेकिन सरकार ने ग्राम प्रधानों पर जिम्मेदारी सौंपकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया.

उन्होंने प्रश्न किया कि क्या यह संभव है कि ग्राम प्रधान लोगों को क्वारंटाइन कर सकता है. इसके कारण पूरे पहाड़ में तनाव पैदा हो चुका है और कई जगह पर लड़ाई-झगड़े सुनने में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रदेश का बंटाधार करने में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का हाथ है.

कोरना में कांग्रेस का बीजेपी पर वार.

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धस्माना ने कहा कि जिस तरह हर साल हरिद्वार और ऋषिकेश आदि जगह पर लाखों लोग उत्तराखंड आते हैं. 2010 के कुंभ में भी अंतिम दिन एक करोड़ लोगों ने स्नान किया था. तब सरकार ने सभी की तैयारियां की थी. लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन होने के कारण सरकार के पास एक बार फिर मौका है कि प्रवासियों का इन्तेजाम खुद करने का. लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों को लेण ही नहीं चाहती. लॉकडाउन के कारण सभी होटल और धर्मशाला खाली है. अगर सरकार की नीयत होती तो दो लाख तो क्या सरकार 10 लाख लोगों को भी क्वारंटाइन कर सकती है.

Last Updated : May 26, 2020, 4:35 PM IST
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