मसूरी: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में महिलाओं के यौन शोषण को लेकर एक बयान दिया है, जिस पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें एक नोटिस भेजा है. इसी मामले में दिल्ली पुलिस 19 मार्च को उनके घर भी पहुंची थी. दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की आग उत्तराखंड तक पहुंच गई है. आज 20 मार्च को मसूरी में कांग्रेसियों ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ हल्लाबोल किया. इस दौरान कांग्रेसियों ने मसूरी में नारेबाजी करते हुए दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका.
मसूरी में शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी मसूरी पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्र हुए है. वहां पहले दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, फिर दोनों का पुतला दहन किया. इस दौरान अमित गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कांग्रेस के नेताओं को दबाने का काम कर रही है. बीजेपी का प्रयास है कि कांग्रेस लगातार जो आवाज महंगाई, भ्रष्टाचार और भर्ती घोटाले को लेकर उठा रही है, उसका दबा दिया जाए, लेकिन ऐसा होगा नहीं.
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कांग्रेसियों का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस को पूरे देश का भारी समर्थन मिला है. भारत जोड़ो यात्रा के बाद बड़ी संख्या में लोग कांग्रेस से जुड़ रहे हैं, जिससे बीजेपी बौखला गई है. बीजेपी को 2024 में कांग्रेस के सरकार बनाने का डर सत्ता रहा है.
अमित गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के घर जाकर उनके साथ अभद्रता की है, उसे कांग्रेस किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी. कांग्रेसियों ने दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए मांग की है कि दिल्ली पुलिस राहुल गांधी से माफी मांगे.
देहरादून और विकासनगर में भी विरोध प्रदर्शन: मसूरी के अलावा कांग्रेस ने देहरादून और विकासनगर में भी दिल्ली पुलिस और बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. देहरादून कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष जसविंदर गोगी के नेतृत्व में कांग्रेसियों देहरादून के एश्ले हॉल चौक विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर राहुल गांधी ने अपने अनुभव साझा करते अपनी बात रखी थी, लेकिन उनके बयान की जांच के लिए उनके घर पुलिस भेज दी गई, जो अत्यंत शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में की जाने वाली राजनीतिक रैलियों और कार्यक्रमों की इस तरह की स्कूटनी होने लग जाएगी तो लोकतंत्र और राजनीतिक गतिविधियां कैसे चल पाएंगी? सरकार को यदि कोई जानकारी चाहिए थी, उसी समय जानकारी ले लेनी चाहिए थी मगर अब 45 दिन बाद पुलिस राहुल गांधी के घर भेजी गई, राहुल गांधी को नोटिस किए जाने का कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता घोर विरोध करते हैं. देहरादून के साथ ही विकासनगर में भी कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया.