देहरादून: कांग्रेस में समय-समय पर नेताओं के बीच दो फाड़ की स्थिति सार्वजनिक मंचों पर निकल कर सामने आती रही है. पिछले ही दिनों चकराता विधायक प्रीतम सिंह और किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर जमकर निशाना साधा था. साथ ही पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए थे. जिसके जवाब में आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने दोनों नेताओं को जमकर खरी खोटी सुनाई और सख्त लफ्जों में नसीहत देते नजर आए.
उत्तराखंड कांग्रेस के भीतर गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने संगठन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को लेकर तिलक राज बेहड़ और प्रीतम सिंह के सवाल खड़े करने पर जमकर निशाने पर लिया. करन माहरा ने कहा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उचित फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए. उन्होंने तिलक राज बेहड़ का नाम पर लिए बगैर नाम निशाना साधा. उन्होंने कहा एक नेता जी ने गढ़वाल और कुमाऊं पर बयान दिया था, लेकिन जब मैं अखबार देख रहा था. तब वो अजय भट्ट की तारीफ कर रहे थे.
उन्होंने कहा अजय भट्ट नेता प्रतिपक्ष के अलावा पार्टी के अध्यक्ष भी रहे, तब दोनों पद कुमाऊं में थे. उस समय नेता जी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन कांग्रेस में रहते हुए वो गढ़वाल कुमाऊं की बात कर रहे हैं. माहरा ने कहा कांग्रेस के लिए भाजपा विपक्षी दल है, लेकिन उनके नेताओं के लिए बेहड़ ने कभी बयान नहीं दिया. संगठन निरंतर मजबूती से आगे बढ़ रहा है, तब उन्हें परेशानी होने लगी है. ऐसे में उनके बयानों से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है.
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करन माहरा ने कहा बेहतर होता कि तिलक राज बेहड़ कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलते हुए उनका मनोबल बढ़ाएं. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा बेहड़ को यदि कोई परेशानी है तो, उन्हें अपनी बात को मीडिया में कहने की बजाय उचित प्लेटफार्म पर उठाना चाहिए था, ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल ना टूट पाए. वही उन्होंने पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के प्रदेश प्रभारी पर दिए गए बयान पर पलटवार किया.
करन माहरा ने प्रीतम सिंह के बयान को गैर जरूरी बताते हुए प्रदेश प्रभारी के कार्यों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा देवेंद्र यादव स्वयं उत्तराखंड के प्रभारी नहीं नियुक्त हुए हैं, बल्कि उन्हें कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड का प्रभारी बनाया है. प्रभारी के खिलाफ बयान देने का मतलब प्रीतम सिंह ने आलाकमान के विरुद्ध बयान दिया है. माहरा ने साफ किया कि प्रभारी ने उत्तराखंड से कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है तो, फिर उनके खिलाफ क्यों बयान दिया जा रहा है?
उन्होंने बगैर नाम लिए कहा इसी व्यक्ति ने चुनाव से पहले प्रभारी की जमकर तारीफ की थी, लेकिन चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रभारी के विरुद्ध बयानबाजी शुरू कर दी. इससे कार्यकर्ता आहत और परेशान हैं कि प्रभारी के खिलाफ ऐसा क्यों कहा जा रहा है? कांग्रेस को मजबूत करने की बात क्यों नहीं कही जा रही है. उन्होंने कहा प्रभारी के निर्देशों के अनुसार उत्तराखंड में तमाम ज्वलंत मुद्दे उठाए गए, जिससे भाजपा सरकार घिरती नजर आई. उनके बारे में यदि इस तरह के बयान सामने आएंगे तो, इससे निश्चित ही कार्यकर्ताओं को दुख होगा.