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विरोध का अनोखा अंदाज: ट्रैकिंग ड्रेस पहनकर विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक, मार्शल के साथ हुई धक्का-मुक्की - विधानसभा सत्र

उत्तराखंड विधानसभा की दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के दो विधायकों और मार्शल के बीच धक्का-मुक्की देखने को मिली. जिसके बाद दोनों विधायक ट्रैकिंग का सामान लेकर जबरदस्ती सदन के भीतर पहुंचे.

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Published : Jun 25, 2019, 1:40 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 4:28 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत और पुरोला विधायक राजकुमार ने अलग तरीके से अपना विरोध जताया. दोनों विधायक ट्रैकिंग की पोशाक पहनकर और ट्रैकिंग बैग लेकर विधानसभा पहुंचे. सदन के भीतर जाते वक्त मार्सलों ने दोनों विधायको को अंदर जाने से रोक दिया. जिसके बाद दोनों विधायक सदन के गेट पर ही धरने पर बैठ गए. थोड़ी देर बाद दोनों विधायकों और मार्शलों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने बुग्यालों में कैंपिंग पर रोक लगाई थी. जिसके बाद सरकार ने आश्वासन दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखकर जल्द ही बुग्यालों में कैंपिंग शुरू करेगी. लेकिन बुग्यालों और राफ्टिंग की कैंपिंग पर एक साल पहले लगाई गई रोक पर कोर्ट में पैरवी नहीं करने और वन विभाग द्वारा कोर्ट में एसएलपी दाखिल न करने के विरोध में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने विरोध जताया. साथ ही जल्द से जल्द कैम्पिंग को दोबारा खुलवाने की मांग की.

हंगामें के साथ शुरू हुई सदन की कार्यवाही

पढ़ें- उत्तराखंड विभागीय लेखा निदेशालय में चल रहा ये बड़ा खेल, चौंकाने वाली बात आई सामने

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बुग्यालों में नाइट स्टे पर रोक
उत्तराखंड के पर्यटन में जो सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. वह राफ्टिंग और ट्रैकिंग से है. लेकिन अफसोस की बात यह है कि राफ्टिंग, कैंपिंग और बुग्यालों में ट्रैकिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. साथ ही इन स्थानों पर रात्रि विश्राम पर भी रोक है. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कैम्पिंग बंद हो गई. सरकार ने वादा किया था कि सरकार सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

कांग्रेस विधायकों का कहना है कि कोर्ट का आदेश आए एक साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन सरकार इस पर चुप्पी साध रखी है. सरकार पहाड़ के युवाओं के रोजगार के प्रति संवेदनशील नहीं है. इसके साथ ही कहा कि सरकार औली जैसी जगहों पर शादी कराकर उत्तराखंड की जमीन बेचना चाहती है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत और पुरोला विधायक राजकुमार ने अलग तरीके से अपना विरोध जताया. दोनों विधायक ट्रैकिंग की पोशाक पहनकर और ट्रैकिंग बैग लेकर विधानसभा पहुंचे. सदन के भीतर जाते वक्त मार्सलों ने दोनों विधायको को अंदर जाने से रोक दिया. जिसके बाद दोनों विधायक सदन के गेट पर ही धरने पर बैठ गए. थोड़ी देर बाद दोनों विधायकों और मार्शलों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने बुग्यालों में कैंपिंग पर रोक लगाई थी. जिसके बाद सरकार ने आश्वासन दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखकर जल्द ही बुग्यालों में कैंपिंग शुरू करेगी. लेकिन बुग्यालों और राफ्टिंग की कैंपिंग पर एक साल पहले लगाई गई रोक पर कोर्ट में पैरवी नहीं करने और वन विभाग द्वारा कोर्ट में एसएलपी दाखिल न करने के विरोध में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने विरोध जताया. साथ ही जल्द से जल्द कैम्पिंग को दोबारा खुलवाने की मांग की.

हंगामें के साथ शुरू हुई सदन की कार्यवाही

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बुग्यालों में नाइट स्टे पर रोक
उत्तराखंड के पर्यटन में जो सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. वह राफ्टिंग और ट्रैकिंग से है. लेकिन अफसोस की बात यह है कि राफ्टिंग, कैंपिंग और बुग्यालों में ट्रैकिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. साथ ही इन स्थानों पर रात्रि विश्राम पर भी रोक है. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कैम्पिंग बंद हो गई. सरकार ने वादा किया था कि सरकार सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

कांग्रेस विधायकों का कहना है कि कोर्ट का आदेश आए एक साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन सरकार इस पर चुप्पी साध रखी है. सरकार पहाड़ के युवाओं के रोजगार के प्रति संवेदनशील नहीं है. इसके साथ ही कहा कि सरकार औली जैसी जगहों पर शादी कराकर उत्तराखंड की जमीन बेचना चाहती है.

Intro:summary - कांग्रेस के दो विधायको और मार्सलो के बीच जमकर हुई धक्का मुक्की। जिसके बाद दोनों विधायक जबरदस्ती ट्रैकिंग का सामान लेकर सदन के भीतर पहुचे।


Intro - उत्तराखण्ड विधानसभा सदन के कार्यवाही के दूसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के केदारनाथ विधायक मनोज रावत और पुरोला विधायक राजकुमार दोनों विधायको ने ट्रैकिंग का पोशाक पहनकर और ट्रैकिंग का बैग लेकर विधानसभा पहुचे। सदन के भीतर जाते वक्त दोनो विधायको को अंदर जाने से मार्सलो ने सदन के गेट पर ही रोक दिया। जिसके बाद दोनों विधायक सदन के गेट पर ही धरने पर बैठ गए और थोड़ी देर बाद सदन के भीतर जाने को लेकर दोनों विधायको और मार्सलो के बीच जमकर धक्का मुक्की भी हुई। जिसके बाद दोनों विधायक जबरदस्ती ट्रैकिंग का सामान लेकर सदन के भीतर पहुचे। 


Body:सुप्रीम कोर्ट ने बूगियालो में कैंपिंग लगाने पर रोक लगाई थी, जिसके बाद सरकार ने आश्वासन दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखकर जल्द ही बूगियालो में कैंपिंग शुरू करेंगे। लेकिन बुगियालो और राफ्टिंग की कैंपिंग पर एक साल पहले लगाई गई रोक पर कोर्ट में पैरवी नही करने और वन विभाग द्वारा कोर्ट में एसएलपी दाखिल ना करने के विरोध में कांग्रेस के दोनों विधायको ने विरोध जताया। साथ ही जल्द से जल्द कैम्पिंग को दुबारा खुलवाने की सरकार से मांग की।


उत्तराखंड के पर्यटन में जो सबसे बड़ी हिस्सेदारी है वह राफ्टिंग और ट्रैकिंग से है, बड़ा अफसोस है कि राफ्टिंग बीच कैंपिंग और ट्रैकिंग में बुग्यालो पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कैम्पिंग बंद हो गई। और बिना कैंपिंग के ट्रैकिंग नामुमकिन चीज है। और न्यायालय के आदेश आए हुए अभी तक 1 साल से अधिक का समय हो गया है। लेकिन सरकार ने उस समय वादा किया था, कि सरकार सुप्रिम कोर्ट में जाएगी। लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट में नहीं जा पाई, जिसका सीधा-सीधा मतलब है कि सरकार यहां के युवकों के प्रति और पहाड़ी क्षेत्रों के उन लोगों के प्रति जो अपने आप रोजी-रोटी खुद पैदा कर रहे हैं उनके रोजगार के प्रति बिल्कुल संवेदनशील नही है। 


साथ ही कहा कि सरकार ओली जैसी शादियां कराकर सरकार प्रॉपर्टी डीलिंग कराना चाहती है, और प्रॉपर्टी डीलिंग के माध्यम से सरकार बड़े-बड़े देश के उद्योगपतियों को उत्तराखंड की जमीन दिखाकर बेचना चाहती है। तो वही पुरोला विधायक राजकुमार ने बताया कि ट्रैकिंग को लेकर सरकार के विरोध में ट्रैकिंग का पोशाक पहन कर आए हैं। एक तरफ सरकार कह रही है कि पलायन रोकने को लेकर और नौजवानों को रोजगार देने की बात कह रही है लेकिन आज सरकार असंवेदनशील है। और सरकार ने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है। जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।


Conclusion:
Last Updated : Jun 25, 2019, 4:28 PM IST
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