देहरादून: राज्य सरकार निजी स्कूलों की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए 189 सरकारी स्कूलों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित कर रही है. वहीं, यह सभी चयनित स्कूल सीबीएसई से मान्यता हासिल कर संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ अब कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को लेकर सरकार की रणनीति और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को लेकर कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने सीधे तौर पर प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार कुछ चयनित सरकारी स्कूलों का नाम अटल उत्कृष्ट विद्यालय रख कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के दावे कर रही है. जबकि, सरकार को पहले इन स्कूलों के लिए वित्तीय प्रबंधन करने की जरूरत है. जिससे राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सकेगा. वर्तमान भाजपा सरकार महज कागजों का पेट भर कर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है. जबकि, धरातल पर आज भी शिक्षा विभाग के हालात जस के तस ही बने हुए हैं.
अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को लेकर कांग्रेस विधायक मनोज रावत की ओर से उठाए गए सवाल पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को प्रदेश के सभी विधायकों का समर्थन मिल रहा है. सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को खुलवाने की मांग कर रहे हैं.
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बहरहाल, कुल मिलाकर देखें तो चुनावी साल होने के चलते सत्ताधारी दल बीजेपी हो या विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ही राजनीति करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती. लेकिन सवाल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का है. ऐसे में सरकार को यह जरूर स्पष्ट करने की जरूरत है कि आखिर सीबीएसई के मापदंडों पर इन चयनित अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को खरा उतारने के लिए सरकार किस तरह बजट का प्रबंध करने जा रही है.