देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा कल 17 अप्रैल को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में कार्यभार ग्रहण करेंगे, जिसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे है, लेकिन कांग्रेस के नाराज नेताओं के तेवर देखकर नहीं लग रहा है कि नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण करने का कार्यक्रम बिना हंगामे के हो पाएगा. क्योंकि नाराज नेताओं की नजर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर जरूर रहेगी.
नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के पदभार कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए कांग्रेस की तरफ से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय तक भव्य रैली निकाली जाएगी. इस रैली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव मौजूद रहेंगे. लेकिन आशंका है कि कांग्रेस के इस कार्यक्रम में देवेंद्र यादव की वजह से खलल पड़ सकती है. क्योंकि देवेंद्र यादव से नाराज नेताओं के बयान इस तरफ इशारा कर रहे हैं.
कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष रहे चुके चकराता से विधायक प्रीतम सिंह भी पार्टी हाईकमान के कुछ फैसलों पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. प्रीतम सिंह ने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की हार गुटबाजी की वजह से हुई है. ये बात खुद उन्हें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी कही.
प्रीतम सिंह का कहना है कि उस गुटबाजी में उनका नाम भी शामिल किया है, जिससे वे काफी नाराज है. क्योंकि उन्हें आजतक पार्टी विरोध कोई काम नहीं किया है. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए गुटबाजी को लेकर कोई बयान नहीं दिया. इसीलिए उन्होंने सीधे-सीधे देवेंद्र यादव से पूछा है कि आखिर उनका नाम गुटबाजी में क्यों शामिल किया गया है, उन्होंने कौन सा ऐसा काम किया है? प्रीतम सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि यदि उन पर गुटबाजी में आरोप लगेंगे तो वे राष्ट्रीय नेतृत्व से जांच की मांग जरूर करेंगे. अगर कोई व्यक्ति एक तरफा गुटबाजी करने का काम करेंगा तो उसके कठघरे में भी खड़ा किया जाएगा.
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बता दें कि कांग्रेस ने चुनावी हार के बाद संगठन में जो बदलाव किया, उससे बाद से ही पार्टी में कई नेताओं की नाराजगी देखने को मिली. इसका एक बड़ा कारण ये है कि कांग्रेस ने संगठन में जातीय संतुलन तो बैठा लिया, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ गया. कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को बना दिया, जो ठाकुर है. नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी यशपाल आर्य, इस तरह कांग्रेस ने दलितों को अपने कब्जे में करने की कोशिश की है. वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष का भार भुवन कापड़ी दे दिया है, जो बाह्मण चेहरा. लेकिन समस्या ये है कि ये तीनों नेता कुमाऊं से ही आते हैं. ऐसे में गढ़वाल के नेताओं को लग रहा है कि कांग्रेस हाईकामन ने उनकी उपेक्षा की है.
वहीं, इस पूरे खेल के पीछे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का हाथ बताया जा रहा है, जिससे पार्टी पहले से ज्यादा बंटी हुई नजर आ रही है. वहीं, धारचूला विधायक हरीश धामी तो खुलकर देवेंद्र यादव के खिलाफ बोल रहे हैं. उन्होंने तो इशारों ही इशारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने तक का ऐलान कर दिया है. इन्हीं सब विवादों को देखकर लग रहा है कि कल नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी के कार्यक्रम में देवेंद्र यादव को लेकर हंगामा हो सकता है.