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कांग्रेसियों ने पंचायती राज संशोधन बिल को लेकर CM से की मुलाकात, गिनाईं गलतियां

प्रदेशभर में पंचायती राज बिल 2019 में किए गए संशोधन का विरोध किया जा रहा है.इसी बीच पंचायत जनाधिकार मंच ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर पंचायती राज संशोधन अधिनियम में हुई गलतियों में सुधार की मांग की है.

पंचायती राज संशोधन बिल को लेकर कांग्रेस नेताओं ने सीएम से की भेंट.
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Published : Jul 9, 2019, 9:13 AM IST

Updated : Jul 9, 2019, 9:30 AM IST

देहरादून: पंचायती राज संशोधन बिल 2019 को लेकर विरोध जारी है. इसी बीच पंचायत जनाधिकार मंच ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर पंचायती राज संशोधन अधिनियम में हुई गलतियों में सुधार की मांग की है. वहीं, तमाम विरोध और सुझावों के बीच जल्द इसमें सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

गौर हो कि प्रदेशभर में पंचायती राज बिल 2019 में किए गए संशोधन का विरोध किया जा रहा है. संशोधन में 2 से ज्यादा बच्चों के होने पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी समेत शैक्षिक योग्यता को आठवीं और दसवीं किए जाने को लेकर भी विरोध हो रहा है. हालांकि संशोधित बिल में कई पहलुओं के छूट जाने या सुधार की गुंजाइश होने की स्थिति भी दिखाई दे रही है. लेकिन फिलहाल सरकार बिल के राज्यपाल से मंजूर होने का इंतजार कर रही है.

इसी सिलसिले में आज पंचायत जनाधिकार मंच के बैनर तले कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और प्रवक्ता मथुरादात्त जोशी समेत कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. बता दें कि पिछले महीने विधानसभा के विशेष सत्र में पंचायती राज संशोधित विधेयक पारित किया गया था. जिसके बाद इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी के लिए भेज दिया गया. हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि सरकार सुधार की गुंजाइश को अध्यादेश के जरिए संशोधित कर सकती है.

पंचायती राज संशोधित बिल में अभी कई पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है. जिस पर साफ तौर पर स्थिति स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि, तमाम विरोध और सुझावों के बीच जल्द इसमें सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

देहरादून: पंचायती राज संशोधन बिल 2019 को लेकर विरोध जारी है. इसी बीच पंचायत जनाधिकार मंच ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर पंचायती राज संशोधन अधिनियम में हुई गलतियों में सुधार की मांग की है. वहीं, तमाम विरोध और सुझावों के बीच जल्द इसमें सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

गौर हो कि प्रदेशभर में पंचायती राज बिल 2019 में किए गए संशोधन का विरोध किया जा रहा है. संशोधन में 2 से ज्यादा बच्चों के होने पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी समेत शैक्षिक योग्यता को आठवीं और दसवीं किए जाने को लेकर भी विरोध हो रहा है. हालांकि संशोधित बिल में कई पहलुओं के छूट जाने या सुधार की गुंजाइश होने की स्थिति भी दिखाई दे रही है. लेकिन फिलहाल सरकार बिल के राज्यपाल से मंजूर होने का इंतजार कर रही है.

इसी सिलसिले में आज पंचायत जनाधिकार मंच के बैनर तले कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और प्रवक्ता मथुरादात्त जोशी समेत कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. बता दें कि पिछले महीने विधानसभा के विशेष सत्र में पंचायती राज संशोधित विधेयक पारित किया गया था. जिसके बाद इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी के लिए भेज दिया गया. हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि सरकार सुधार की गुंजाइश को अध्यादेश के जरिए संशोधित कर सकती है.

पंचायती राज संशोधित बिल में अभी कई पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है. जिस पर साफ तौर पर स्थिति स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि, तमाम विरोध और सुझावों के बीच जल्द इसमें सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

Intro:summary- पंचायती राज संशोधन बिल 2019 को लेकर विरोध जारी है.. इस बीच पंचायत जनाधिकार मंच ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर पंचायती राज संशोधन अधिनियम में हुई गलतियों के सुधार की मांग की...


पंचायती राज संशोधन बिल पर तमाम विरोध के बीच आज पंचायत जनाधिकार मंच ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस बिल की कमियों को बताते हुए सीएम से इसमें सुधार की मांग की...


Body:प्रदेशभर में पंचायती राज बिल 2019 में किए गए संशोधन का विरोध किया जा रहा है... संशोधन में 2 से ज्यादा बच्चों के होने पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी समेत शैक्षिक योग्यता को आठवी और दसवीं किए जाने को लेकर भी विरोध हो रहा है... हालांकि संशोधित बिल में कई पहलुओं के छूट जाने या सुधार की गुंजाइश होने की स्थिति भी दिखाई दे रही है लेकिन फिलहाल सरकार बिल के राज्यपाल से मंजूर होने का इंतजार कर रही है... इसी सिलसिले में आज पंचायत जनाधिकार मंच के बैनर तले कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और प्रवक्ता मथुरादास जोशी समेत कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की...आपको बता दें कि पिछले महीने विधानसभा के विशेष सत्र में पंचायती राज संशोधित विधेयक पारित किया गया था जिसके बाद इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.. हालांकि उम्मीद की जा रही है कि सरकार सुधार की गुंजाइश को अध्यादेश के जरिए संशोधित कर सकती है...


Conclusion:पंचायती राज संशोधित बिल में अभी कई पहलू है जिस पर साफ तौर पर स्थिति स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही है ऐसे में लगता है कि सरकार ने इस बिल को जल्दबाजी में विधानसभा में पारित कर दिया है हालांकि तमाम विरोध और सुझावों के बीच जल्द इसमें सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
Last Updated : Jul 9, 2019, 9:30 AM IST
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