देहरादूनः अफगानिस्तान को तालिबान ने पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है. लेकिन वहां फंसे भारतीयों की वापसी को लेकर उनके परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं. इसी कड़ी में अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंड के युवाओं व अन्य लोगों के सकुशल और सुरक्षित वापसी के लिए बुधवार को पूर्व सीएम हरीश रावत के सलाहकार रहे व कांग्रेस नेता सुरेंद्र अग्रवाल ने देहरादून पासपोर्ट कार्यालय में उपवास किया.
सुरेंद्र अग्रवाल ने एमकेपी रोड स्थित पासपोर्ट कार्यालय में एक घंटे का उपवास रखते हुए इस संबंध में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया. सुरेंद्र कुमार के उपवास को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने जूस पिलाकर तुड़वाया. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों की हम सबको चिंता है. भारत के बहुत सारे नागरिक जिसमें उत्तराखंड के लोग भी शामिल हैं, वे सब काबुल में अपनी जिंदगी की दुआएं मांग रहे हैं.
हरीश रावत ने कहा कि जब कंधार में तालिबान का कब्जा हुआ, तब भारत सरकार ने कहा था कि 30 से 40 दिन तालिबान को आने में लगेंगे. लेकिन यह हमारा इंटेलिजेंस फेल्योर रहा. क्योंकि इंटेलिजेंस यह नहीं समझ पाई कि तालिबान ने काबुल को भी घेर लिया था. हरीश रावत ने कहा कि आज वहां से लोगों को बाहर निकालने की प्रोसेस धीमी और सुस्त गति से चल रही है. हरीश रावत ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की चिंता करते हुए कहा कि सभी भारतीयों की सुरक्षा करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य बनता है. लेकिन, केंद्र सरकार इस कर्तव्य को पूरा करने में शिथिलता बरत रही है, जिससे हम सब चिंतित हैं.
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वहीं, कांग्रेस नेता सुरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने ज्ञापन में केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों की सकुशल सुरक्षित वापसी के लिए कूटनीतिक स्तर के अलावा अन्य मंचों का उपयोग किया जाए, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सके. इसके साथ ही उन्होंने देहरादून में विदेश मंत्रालय का एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने की मांग की है जो अफगानिस्तान में फंसे लोगों की कुशलक्षेम की जानकारी उनके परिजनों तक पहुंचा सके.