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कोरोना पर राजनीति, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

उत्तराखंड में इन दिनों कोरोना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीति हो रही है. दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.

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Published : Jun 9, 2020, 1:58 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है उतने ही बड़े स्तर पर राजनीति भी हो रही है. कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी को निशाने पर लिया है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने ऐसी संकट की घड़ी में विपक्ष की राय लेना भी जरूरी नहीं समझा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार क्वारंटाइन के दोहरे मापदंड अपना रही है, क्योंकि सरकार की नजर में विपक्ष के लोग हाई रिस्क और सत्ता पक्ष के लोग लो रिस्क में आते हैं.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष की राय लेना इसलिए जरूरी नहीं समझती है, क्योंकि सरकार की नजर में विपक्ष के नेता हाई रिस्क और बीजेपी के लोग लो रिस्क में आते हैं. कांग्रेस के नेता को किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बगैर 28 दिन क्वारंटाइन कर दिया जाता है और सत्ता में बैठे नेता संक्रमित कैबिनेट मंत्री के साथ बैठक करते हैं. उनकी क्वारंटाइन अवधि तीन दिन बाद खत्म कर दी जाती है. अगर सरकार की कोरोना से लड़ने के लिए यही पॉलिसी है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: इस साल नहीं होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, KMVN को लाखों का नुकसान

धस्माना ने कहा कि बीजेपी कोरोना को कभी जमाती, जेहादी और इस्लामी बना देती है तो कभी हिंदू-मुस्लिम बना देती है. बीजेपी को यह समझना होगा कि कोरोना किसी मजहब या पार्टी को नहीं देखता है.

देहरादून: उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है उतने ही बड़े स्तर पर राजनीति भी हो रही है. कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी को निशाने पर लिया है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने ऐसी संकट की घड़ी में विपक्ष की राय लेना भी जरूरी नहीं समझा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार क्वारंटाइन के दोहरे मापदंड अपना रही है, क्योंकि सरकार की नजर में विपक्ष के लोग हाई रिस्क और सत्ता पक्ष के लोग लो रिस्क में आते हैं.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष की राय लेना इसलिए जरूरी नहीं समझती है, क्योंकि सरकार की नजर में विपक्ष के नेता हाई रिस्क और बीजेपी के लोग लो रिस्क में आते हैं. कांग्रेस के नेता को किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बगैर 28 दिन क्वारंटाइन कर दिया जाता है और सत्ता में बैठे नेता संक्रमित कैबिनेट मंत्री के साथ बैठक करते हैं. उनकी क्वारंटाइन अवधि तीन दिन बाद खत्म कर दी जाती है. अगर सरकार की कोरोना से लड़ने के लिए यही पॉलिसी है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

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धस्माना ने कहा कि बीजेपी कोरोना को कभी जमाती, जेहादी और इस्लामी बना देती है तो कभी हिंदू-मुस्लिम बना देती है. बीजेपी को यह समझना होगा कि कोरोना किसी मजहब या पार्टी को नहीं देखता है.

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