देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी सरकार के नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद अब कांग्रेस को 2022 चुनाव में अपने दोनों हाथों में लड्डू नजर आने वाले हसीन सपने आने शुरू हो गए हैं. कांग्रेस नेताओं की माने तो प्रचंड बहुमत आने के बावजूद जिस तरह भारी नाराजगी को देखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदला गया, वह कहीं ना कहीं कांग्रेस को आगामी 2022 चुनाव में फायदा पहुंचाने जैसा है.
'2022 में भाजपा को चुकानी होगी कीमत'
इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पिछले 4 वर्षों में जिस तरह से त्रिवेंद्र सरकार ने जनता से लेकर अपने मंत्री, विधायक और नेताओं के प्रति उदासीन रवैया अपनाया है. उससे ना सिर्फ राज्य में विकास का बंटाधार हुआ है, बल्कि देश में सबसे अधिक बेरोजगारी उत्तराखंड में बढ़ी है. कांग्रेस का कहना है कि जिस तरह से 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में डबल इंजन वाली सरकार का आश्वासन देकर विकास की लहर हर एक क्षेत्र में लाने का दावा किया था, उसे त्रिवेंद्र सरकार ने पूरी तरह से फेल कर दिया. ऐसे में आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी.
'तीरथ को मिला कांटों भरा ताज'
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार नेतृत्व परिवर्तन कर अगले कुछ महीनों के लिए तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री को कांटों भरा ताज दिया है. धस्माना ने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर अब नेतृत्व परिवर्तन कर स्वच्छ छवि के हाथ सरकार की बागडोर देने की बात हुई है, तो क्या 4 साल तक त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भ्रष्ट, नकारा थी. ऐसे में यह कैसे समझा जाए कि अब जिन्हें नेतृत्व दिया है, वह चंद महीनों में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे.
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'बीजेपी से आक्रोशित जनता कांग्रेस को चुनेगी'
धस्माना ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जमानत पर राज्य की जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया था, लेकिन एक नकारा मुख्यमंत्री जनता पर थोप कर राज्य में विकास, रोजगार जैसी तमाम महत्वपूर्ण विषयों को पीछे छोड़ पर प्रदेश का बंटाधार कर दिया. ऐसे में कांग्रेस इस गंभीर मुद्दे को लेकर 14 मार्च से प्रदेश भर में आक्रोश रैली करने जा रही है. आगामी 2022 चुनाव में जनता बीजेपी के क्रियाकलापों से आक्रोशित होकर कांग्रेस को राज्य में सरकार बनाने का मौका देगी.
बीजेपी ने प्रदेश को 4 सालों में पीछे धकेल दिया
वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि बीजेपी सरकार नेतृत्व परिवर्तन होने से विपक्षी कांग्रेस पार्टी नीचे से लेकर ऊपर तक मजबूत हुई है. क्योंकि पिछले 4 सालों से कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के जनता के प्रति जवाबदेही वाले उदासीन रवैया को उजागर कर रही थी. उस पर बीजेपी पार्टी ने नकारा नेतृत्व बदलकर मुहर लगा दी है. त्रिवेंद्र नेतृत्व को जीरो परफॉर्मेंस वाली सरकार बताकर जिस तरह से अपनी ही पार्टी के लोगों ने नकार दिया, इससे बुरी बात क्या हो सकती है. इतना ही नहीं भाजपा सरकार ने प्रदेश को हर क्षेत्र में पिछले 4 सालों में पीछे धकेल दिया है, जिससे जनता बेहद आक्रोशित है. भाजपा ने केवल चेहरा बदला है, चरित्र नहीं, जिसका परिणाम आने वाले 2022 के चुनाव में उनको बड़े नुकसान के तौर पर होने वाला है.