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कमजोर पैरवी पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, UKSSSC के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ जांच की मांग - Congress demand for investigation

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper Leak Case) में सरकारी की मंशा पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि कमजोर पैरवी के चलते इस मामले में एक-एक करके आरोपियों को जमानत मिलती जा रही है. ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के साथ ही आयोग के पूर्व अध्यक्ष की भी जांच होनी चाहिए.

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Published : Oct 29, 2022, 4:15 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper Leak Case) पर एसआईटी की जांच अब कटघरे में दिखाई दे रही है. इस मामले में कोर्ट से अब तक 18 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने आयोग के पूर्व अध्यक्ष की जांच ना होने पर भी सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि इस मामले में उन सफेदपोशों पर भी शिकंजा कसना चाहिए. जो इसके पीछे काम करते रहे हैं.

प्रदेश में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक मामला (UKSSSC Paper Leak Case) अब भी राजनीतिक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में एसआईटी ने 41 लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिसमें से 18 लोगों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इससे पहले पुलिस इन लोगों पर सबूतों के आधार पर सख्त कार्रवाई की बात कहती है. लेकिन, कोर्ट से मिल रही जमानत के बाद कांग्रेस ने एसआईटी की जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस ने दावा किया है कि एसआईटी ने इस मामले में काफी कमजोर केस तैयार किया है और इसीलिए कोर्ट में आसानी से इन लोगों को जमानत मिल रही है.

कमजोर पैरवी से जुड़े आरोपों के साथ कटघरे में सरकार.

पढ़ें- गणेश मर्तोलिया को UKSSSC का अध्यक्ष बनाए जाने का कांग्रेस ने किया स्वागत, माकपा ने कही ये बात

आपको बता दें कि कांग्रेसी इस मामले की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग करती रही है. उधर, अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा (Congress State President Karan Mahara) ने आरोप लगाया है कि जिस तरह UKSSSC पेपरलीक मामले में आरबीएस रावत की जांच के बाद गिरफ्तारी की गई है, उसी तरह से पूर्व अध्यक्ष एस राजू की भी जांच होनी चाहिए. ताकि इस मामले में उन सफेदपोश लोगों को भी शिकंजे में लिया जा सके, जो इसके पीछे काम करते रहे हैं.

वहीं, कांग्रेस की इन आरोपों पर बीजेपी भी अपना एक पक्ष रख रही है. पार्टी की तरफ से अपनी सरकार का बचाव करते हुए एसआईटी द्वारा बेहतर जांच किए जाने का दावा किया जा रहा है. हालांकि, सीबीआई जांच से सरकार क्यों पीछे हट रही है, इसका भाजपा के पास कोई जवाब नहीं दिखाई देता है. लेकिन इसके बावजूद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ( BJP State Spokesperson Virendra Bisht) कहते हैं कि कांग्रेस के पास यदि सफेदपोश से जुड़ा कोई सबूत है तो वह एसआईटी के सामने रख सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper Leak Case) पर एसआईटी की जांच अब कटघरे में दिखाई दे रही है. इस मामले में कोर्ट से अब तक 18 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने आयोग के पूर्व अध्यक्ष की जांच ना होने पर भी सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि इस मामले में उन सफेदपोशों पर भी शिकंजा कसना चाहिए. जो इसके पीछे काम करते रहे हैं.

प्रदेश में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक मामला (UKSSSC Paper Leak Case) अब भी राजनीतिक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में एसआईटी ने 41 लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिसमें से 18 लोगों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इससे पहले पुलिस इन लोगों पर सबूतों के आधार पर सख्त कार्रवाई की बात कहती है. लेकिन, कोर्ट से मिल रही जमानत के बाद कांग्रेस ने एसआईटी की जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस ने दावा किया है कि एसआईटी ने इस मामले में काफी कमजोर केस तैयार किया है और इसीलिए कोर्ट में आसानी से इन लोगों को जमानत मिल रही है.

कमजोर पैरवी से जुड़े आरोपों के साथ कटघरे में सरकार.

पढ़ें- गणेश मर्तोलिया को UKSSSC का अध्यक्ष बनाए जाने का कांग्रेस ने किया स्वागत, माकपा ने कही ये बात

आपको बता दें कि कांग्रेसी इस मामले की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग करती रही है. उधर, अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा (Congress State President Karan Mahara) ने आरोप लगाया है कि जिस तरह UKSSSC पेपरलीक मामले में आरबीएस रावत की जांच के बाद गिरफ्तारी की गई है, उसी तरह से पूर्व अध्यक्ष एस राजू की भी जांच होनी चाहिए. ताकि इस मामले में उन सफेदपोश लोगों को भी शिकंजे में लिया जा सके, जो इसके पीछे काम करते रहे हैं.

वहीं, कांग्रेस की इन आरोपों पर बीजेपी भी अपना एक पक्ष रख रही है. पार्टी की तरफ से अपनी सरकार का बचाव करते हुए एसआईटी द्वारा बेहतर जांच किए जाने का दावा किया जा रहा है. हालांकि, सीबीआई जांच से सरकार क्यों पीछे हट रही है, इसका भाजपा के पास कोई जवाब नहीं दिखाई देता है. लेकिन इसके बावजूद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ( BJP State Spokesperson Virendra Bisht) कहते हैं कि कांग्रेस के पास यदि सफेदपोश से जुड़ा कोई सबूत है तो वह एसआईटी के सामने रख सकते हैं.

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