देहरादूनः चमोली जिले के गोपेश्वर स्थित पीपलकोटी में हुई करंट दुर्घटना पर सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है. दूसरी तरफ घटना को राजनीतिक रंग देना भी शुरू हो गया है. चमोली में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मृतकों के परिजनों के साथ मिलकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने के साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. इसके अलावा चमोली में नेता प्रतिपक्ष और मृतकों के परिजनों ने सीएम सेफ हाउस का घेराव भी किया.
इससे पहले गुरुवार सुबह सीएम धामी चमोली हादसे की जगह और मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे तो सीएम धामी गो बैक के नारे लगे. सीएम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. इसके साथ ही सीएम ने गोपेश्वर के पुलिस मैदान में चमोली हादसे में हताहत हुए होमगार्ड के तीनों जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. सीएम ने कहा कि इस दुखद दुर्घटना के कारणों की गहन जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केंद्र-राज्य और UPCL ने किया मुआवजे का ऐलान: हालांकि, बुधवार को ही सीएम धामी ने इस पूरी घटना के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए थे. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 1-1 लाख रुपए मुआवजा राशि देने की घोषणा की. इसके अलावा पीएम मोदी ने भी इस हादसे में दुख जताते हुए मृतकों के परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की थी. केंद्र सरकार ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा राशि देने का ऐलान किया. जबकि यूपीसीएल ने घटना को लेकर 25 लाख रुपए जारी कर दिए हैं, जो कि मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा के रूप में दिया जाएगा.
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कमिश्नर स्तर की जांच की मांग: वहीं, इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच नहीं बल्कि कमिश्नर स्तर पर जांच की मांग की है. साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की. दूसरी तरफ चमोल में कांग्रेस नेताओं के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है.
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया आरोप: वहीं, सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा मोर्चा खोलने पर भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि कांग्रेस लाशों की राजनीति कर रही है. साथ ही अपने खोए हुए जनाधार को पाने की कोशिश कर रही है. जबकि कांग्रेस को इस दुख की घड़ी में परिजनों के साथ खड़ा होना चाहिए.
ये है पूरा मामलाः दरअसल, 18 जुलाई को चमोली पीपलकोटी में अलकनंदा नदी के तट पर निर्माणाधीन नमामि गंगे प्रोजेक्ट साइट के केयर टेकर गणेश लाल की मौत हो गई थी. 19 जुलाई की सुबह गणेश लाल के परिजनों मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर ग्रामीण इकट्ठे हुए प्लांट में प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शन में 35 से 40 लोग मौजूद थे. धीरे-धीरे बढ़ती भीड़ और बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस प्रशासन मामला शांत कराने पहुंचा. इस बीच पीपलकोटी चौकी इंचार्ज प्रदीप रावत 3 होम गार्ड्स के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति व्यवस्था बनाने की मांग की. इसके बाद प्लांट में करंट दौड़ गया और 16 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 11 लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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