देहरादून: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 13 जून सोमवार को ईडी के सामने पेश होना है. राहुल गांधी की पेशी पर (Rahul Gandhi May Join ED Probe) कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन की तैयारी की है. कांग्रेस कल देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. तो वहीं, मामले को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने प्रतिक्रिया दी है.
अलका लांबा ने साफ किया है कि इस मामले में कांग्रेस राहुल गांधी के साथ दिल्ली की सड़कों पर रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कांग्रेस जनता की अदालत में आ रही है. कांग्रेस इस मुद्दे पर कहीं भाग नहीं रही बल्कि कल देश के राज्यों के साथ देहरादून में भी ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि डरेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और झुकेंगे नहीं, और भाजपा का सीना ठोक कर मुकाबला करेंगे.
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने इसे केंद्र सरकार का राजनीति से प्रेरित कदम बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक टूल के रूप में कर रही है. करण माहरा ने कहा कि डोकलाम में चीन ने कब्जा करके वहां गांव बसाने के साथ ही दो-दो पुल बना दिए. ऐसे में जब 56 इंच के सीने वाले चुप रहे तब राहुल गांधी ने आगे बढ़कर इसका विरोध किया. यही कारण है कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है. महारा ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि केंद्र सरकार राहुल गांधी पर आरोप सिद्ध करें और उन्हें जेल में डाले.
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने भी केंद्र सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी की तरफ से समन भेजे गए हैं. कांग्रेस पार्टी इसका तीखा विरोध करती है. प्रजातंत्र में विपक्ष के साथ इस तरह का बर्ताव उचित नहीं है. केंद्र सरकार कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को डर और भय दिखाना चाहती है लेकिन केंद्र सरकार को मालूम होना चाहिए कि गांधी परिवार का देश के विकास में कितना बड़ा योगदान रहा है.