देहरादूनः लोकसभा चुनाव 2024 से पहले स्टिंग का 'जिन्न' एक बार फिर उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय होता नजर आ रहा है. इससे न केवल कांग्रेस के बड़े नेताओं में खलबली मची हुई है, बल्कि राज्य की राजनीति पर नजर बनाए हुए लोग भी बड़ी रूचि ले रहे हैं. चारों नेताओं को सीबीआई का नोटिस जारी हो चुका है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा के साथ विधायक मदन बिष्ट भी शामिल है. सीबीआई ने इस मामले में पहले ही चारों नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी.
सीबीआई चारों नेताओं के वॉयस सैंपल इसलिए लेना चाहती है, क्योंकि स्टिंग ऑपरेशन में यह दिखाया गया था कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने विधायकों को बचाने के लिए सामने वाले व्यक्ति के साथ लेन-देन की बात कर रहे थे. इतना ही नहीं, मदन बिष्ट और हरक सिंह रावत जैसे नेताओं के भी स्टिंग में होने की पुष्टि हुई थी. अब सीबीआई ने चारों को 4 जुलाई को बुलाया है. हालांकि, सीबीआई को वॉयस सैंपल देने से पहले चारों अपने-अपने वकील से बात करेंगे. शुक्रवार को चारों नेताओं को नोटिस प्राप्त हुआ.
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दूसरी तरफ इस मामले में कांग्रेस नेता आग बबूला भी हो रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाया है कि सीबीआई केंद्र के इशारे में ये सब कर रही है. उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में सीबीआई ही एक मात्र साधन है, जिसके जरिए केंद्र सरकार, कांग्रेस नेताओं को परेशान कर सकती है.' माहरा ने कहा है कि सीबीआई प्रदेश के घोटाले और अंकिता हत्याकांड़ जैसे मामलो में खामोश है. जनता सब जानती है और आने वाले हर चुनाव में बीजपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.