ETV Bharat / state

वर्चुअल रैलियों पर पार्टियों में घमासान, पक्ष-विपक्ष दे रहे हैं अलग-अलग तर्क

कोरोना महामारी के बीच भारतीय जनता पार्टी का वर्चुअल रैलियों के माध्यम से जनसंवाद का सिलसिला जारी है. विपक्ष, सत्ता पक्ष के वर्चुअल कार्यक्रमों पर कई सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष वर्चुअल से बाहर निकलकर धरातल पर काम करने की बात कह रहा है.

author img

By

Published : Jul 3, 2020, 11:25 AM IST

dehradun
देहरादून

देहरादून: कोरोना महामारी के बीच भारतीय जनता पार्टी का वर्चुअल रैली के माध्यम से जनसंवाद का सिलसिला जारी है. भाजपा वर्चुअल कार्यक्रम को इस लॉकडाउन में नये कार्यों से जोड़ने और आने वाले समय में एक बेहतर प्लेटफार्म की बात कह रही है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष, सत्ता पक्ष के वर्चुअल कार्यक्रमों पर कई सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि वर्चुअल से बाहर निकलकर धरातल पर काम किया जाना चाहिए.

वर्चुअल रैलियों पर पार्टियों में घमासान.
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि इस लॉकडाउन के दौरान नई कार्य संस्कृति का जन्म हुआ है. इस लॉकडाउन के दौरान वर्चुअल कार्यक्रम शुरू करने वाली भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी बड़ी पार्टी है, जिसने बड़े स्तर पर इसकी शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि वर्चुअल रैली के माध्यम से कई राज्यों में न सिर्फ बड़ी रैलियां की गई हैं बल्कि हर विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली की जा रही है. मदन कौशिक ने बताया कि जिस टेक्नोलॉजी की बात की जा रही थी अब उस उसी का इस्तेमाल कर रैलियां की जा रही हैं. देश में जिस तरह से नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके वर्चुअल रैलियां की हैं इससे दुनिया के विकसित देशों से हम एक कदम आगे खड़े हो गए हैं. जहां पहले ये चीजें सुनने को मिलती थी लेकिन आज उसे देख रहे हैं. आज राजनीतिक दलों के भीतर लाइव का लिंक लेना, नंबर लेना और बातचीत करना भी शुरू हो गया है.

पढ़ें: सैकड़ों मुकदमों के बाद भी कांग्रेस बखूबी निभाएगी विपक्ष की भूमिका: प्रीतम सिंह

उधर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि वर्चुअल बहुत हो गया है. अब रियल दुनिया में जाना पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल राशन दिया था जो अभी तक नहीं पहुंचा है. हालांकि केंद्र सरकार ने 80 करोड़ लोगों को राशन देने की बात कही थी जो अभी कुछ ही लोगों को पहुंचा है. ऐसे में अगर वर्चुअल दुनिया में रहेंगे तो सब कुछ वर्चुअल ही रह जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस नेताओं को जो सलाह दी है उसके अनुसार सिर्फ वर्चुअल कार्यक्रम ही नहीं बल्कि रियल कार्यक्रम भी करेंगे.

देहरादून: कोरोना महामारी के बीच भारतीय जनता पार्टी का वर्चुअल रैली के माध्यम से जनसंवाद का सिलसिला जारी है. भाजपा वर्चुअल कार्यक्रम को इस लॉकडाउन में नये कार्यों से जोड़ने और आने वाले समय में एक बेहतर प्लेटफार्म की बात कह रही है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष, सत्ता पक्ष के वर्चुअल कार्यक्रमों पर कई सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि वर्चुअल से बाहर निकलकर धरातल पर काम किया जाना चाहिए.

वर्चुअल रैलियों पर पार्टियों में घमासान.
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि इस लॉकडाउन के दौरान नई कार्य संस्कृति का जन्म हुआ है. इस लॉकडाउन के दौरान वर्चुअल कार्यक्रम शुरू करने वाली भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी बड़ी पार्टी है, जिसने बड़े स्तर पर इसकी शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि वर्चुअल रैली के माध्यम से कई राज्यों में न सिर्फ बड़ी रैलियां की गई हैं बल्कि हर विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली की जा रही है. मदन कौशिक ने बताया कि जिस टेक्नोलॉजी की बात की जा रही थी अब उस उसी का इस्तेमाल कर रैलियां की जा रही हैं. देश में जिस तरह से नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके वर्चुअल रैलियां की हैं इससे दुनिया के विकसित देशों से हम एक कदम आगे खड़े हो गए हैं. जहां पहले ये चीजें सुनने को मिलती थी लेकिन आज उसे देख रहे हैं. आज राजनीतिक दलों के भीतर लाइव का लिंक लेना, नंबर लेना और बातचीत करना भी शुरू हो गया है.

पढ़ें: सैकड़ों मुकदमों के बाद भी कांग्रेस बखूबी निभाएगी विपक्ष की भूमिका: प्रीतम सिंह

उधर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि वर्चुअल बहुत हो गया है. अब रियल दुनिया में जाना पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल राशन दिया था जो अभी तक नहीं पहुंचा है. हालांकि केंद्र सरकार ने 80 करोड़ लोगों को राशन देने की बात कही थी जो अभी कुछ ही लोगों को पहुंचा है. ऐसे में अगर वर्चुअल दुनिया में रहेंगे तो सब कुछ वर्चुअल ही रह जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस नेताओं को जो सलाह दी है उसके अनुसार सिर्फ वर्चुअल कार्यक्रम ही नहीं बल्कि रियल कार्यक्रम भी करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.