देहरादून/गोरखपुर: गोरखनाथ मन्दिर में गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त योगी आदित्यनाथ के पिता आनन्द सिंह बिष्ट के निधन बाद शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी ने शोक संदेश पढ़कर उपस्थित सभी नाथ सम्प्रदाय के योगी, साधु, सन्त, धर्माचार्य एवं कर्मचारियों को सुनाया. इस दौरान सभी ने दो मिनट का मौन रखा.
द्वारिका तिवारी ने बताया कि दिसम्बर 1993 में योगी जी के पिता गोरखपुर के गोरखनाथ मन्दिर पधारे थे. उस समय हम सभी लोगों से उनकी मुलाकात हुई थी. वे एक धैर्यवान, सरल एवं मृदुभाषी तथा स्पष्टवादी स्वभाव के थे.
यह भी पढ़ें-पिता से पैसे लेकर बहनों को देते थे योगी, इंटरव्यू में बहन ने खोला था राज
योगी जी के बारे में जब हम लोगों ने उनसे पूछा उन्होंने बड़ी निर्भिकता के साथ कहा कि हमारे पूरे परिवार का यह सौभाग्य है कि गोरक्षपीठ में कार्य करने का अवसर मिल रहा है. भगवान गोरखनाथ जी से उन्होंने प्रार्थना की थी कि उनका पुत्र अपने इस महान संकल्प में संन्यासी के रूप में सफल हो. वह कई महीनों से बीमार चल रहे थे. हम लोग बराबर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते रहे. एकाएक टेलीफोन द्वारा ज्ञात हुआ कि उनका निधन हो गया है. यह सुनकर मन्दिर परिवार स्तब्ध रह गया.
महायोगी गोरखनाथ से मन्दिर परिवार यह प्रार्थना करता है कि उनके परिवार को इस महान दुःख की घड़ी में दुःख को सहन करने की शक्ति दें. भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें. इस शोक सभा में श्रीगोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, योगी धर्मेन्द्रनाथ, योगी सूरजनाथ, योगी दिनेशनाथ मन्दिर सुरक्षाधिकारी रामपति प्रसाद, बलराम, सहदेव, मो0 यासीन, मो0 जाकिर अली वारसी आदि ने दो मिनट मौन धारण कर उनकी आत्मा की शान्ति हेतु श्रद्धाजलि अर्पित किए.