ऋषिकेशः परमार्थ निकेतन में आयोजित फाउंडेशन योग कोर्स संपंन्न हो गया है. फाउंडेशन योग कोर्स में भारत, अमेरिका, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, लंदन सहित विश्व के कई देशों से योग साधक पहुंचे. इन साधकों ने इस विशेष शिविर में योग की अनेक विधाएं सीखीं. साधक पर्यावरण बचाने का संकल्प लेकर अपने देश रवाना हुए.
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योग सार्वभौमिक है और भारत तो योग का जन्मदाता है. योग, आत्मा से परमात्मा का मिलन कराता है. साथ ही दुनिया की विभिन्न संस्कृति का मिलन कराता है तथा विश्व एक परिवार है कि शिक्षा देता है.
उन्होंने कहा कि योग, केवल एक अभ्यास ही नहीं बल्कि जीवन जीने का विज्ञान भी है. जीवन एक यात्रा है और यह यात्रा सतत चलती रहती है. बाहर भी चलती है और भीतर भी. बाहर की यात्रा में वातावरण की स्वच्छता का ध्यान रखें तथा भीतर की यात्रा में विचारों की स्वच्छता का ध्यान रखें.
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स्वामी चिदानन्द ने कहा कि योग के माध्यम से जीवन में एकत्व और सद्भाव आता है. हम सभी एक-दूसरे के सहयोगी बनें, उपयोगी बनें और योगी बने यही योग हमें संदेश देता है.
उन्होंने कहा कि योग, हमें सम्यक भाव से पूरी दुनिया से जुड़ना और जोड़ना सिखाता है. योग और ध्यान में वह पावर है जो तनाव मुक्त जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है. उन्होने कहा कि मां गंगा के पावन तट पर योग करें और जीवन को स्वस्थ बनायें.