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अतिक्रमणकारियों पर मेहरबान 'सरकार', देगी मुआवजा, जानिए क्या है मामला

भारत सरकार की नीति के तहत उन सभी निर्माण को भी अधिग्रहण और मुआवजे के दायरे में लाया गया है, जिनका लैंड ओनरशिप में नाम नहीं है. लेकिन मौके पर उनका निर्माण पाया जा रहा है. इसके तहत अब लंबे समय से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किये हुए लोगों की भी मुआवजा मिलेगा.

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Published : Jul 28, 2019, 6:15 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 1:55 PM IST

अतिक्रमणकारियों को मिलेगा मुआवजा

देहरादून: ऑल वेदर रोड के निर्माण में अब लोक निर्माण विभाग अतिक्रमणकारियों पर मेहरबान दिख रहा है. ऑल वेदर रोड के लिए अधिग्रहण में अब उन लोगों को भी मुआवजा मिलेगा, जिनका लैंड ओनरशिप में नाम नहीं है. विभाग ने भारत सरकार के मानकों को आधार बनाते हुए यह फैसला लिया है.

केन्द्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड का काम प्रदेश में तेजी से चल रहा है. इस कार्य में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. जिस पर अब लोक निर्माण विभाग ने भारत सरकार के मानकों को आधार बनाते हुए फैसला लिया है. जिसके तहत लंबे समय से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किये हुए लोगों की भी मुआवजा मिलेगा.

अतिक्रमणकारियों को मिलेगा मुआवजा

पढ़ें- हिमालयन कॉन्क्लेवः निर्मला सितारमण ने कहा- पर्यावरण और विकास के बीच भी संतुलन जरूरी

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि ऑल वेदर रोड के निर्माण में तेजी से कार्य हो रहा है. लेकिन रिहायशी इलाकों में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. जिस पर भारत सरकार की नीति के तहत उन सभी निर्माण को भी अधिग्रहण और मुआवजे के दायरे में लाया गया है, जिनका लैंड ओनरशिप में नाम नहीं है. लेकिन मौके पर उनका निर्माण पाया जा रहा है.

इस कदम से अतिक्रमण को बढ़ावा देने के सवाल पर पीडब्ल्यूडी चीफ हरिओम शर्मा ने बताया कि हर किसी अतिक्रमण के साथ ये रियायत नहीं बरती जाएगी. बल्कि, अतिक्रमणकारी को भी अपना अतिक्रमण प्रमाणित करना होगा. यानी, वो अतिक्रमण जो कई सालों से है और जिनके नाम बिजली, पानी का बिल आता हो, उन्हें राहत मिल सकती है. लेकिन इसमें भी अतिक्रमणकारियों को जमीन का नहीं बल्कि केवल निर्माण का मुआवजा मिलेगा.

देहरादून: ऑल वेदर रोड के निर्माण में अब लोक निर्माण विभाग अतिक्रमणकारियों पर मेहरबान दिख रहा है. ऑल वेदर रोड के लिए अधिग्रहण में अब उन लोगों को भी मुआवजा मिलेगा, जिनका लैंड ओनरशिप में नाम नहीं है. विभाग ने भारत सरकार के मानकों को आधार बनाते हुए यह फैसला लिया है.

केन्द्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड का काम प्रदेश में तेजी से चल रहा है. इस कार्य में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. जिस पर अब लोक निर्माण विभाग ने भारत सरकार के मानकों को आधार बनाते हुए फैसला लिया है. जिसके तहत लंबे समय से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किये हुए लोगों की भी मुआवजा मिलेगा.

अतिक्रमणकारियों को मिलेगा मुआवजा

पढ़ें- हिमालयन कॉन्क्लेवः निर्मला सितारमण ने कहा- पर्यावरण और विकास के बीच भी संतुलन जरूरी

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि ऑल वेदर रोड के निर्माण में तेजी से कार्य हो रहा है. लेकिन रिहायशी इलाकों में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. जिस पर भारत सरकार की नीति के तहत उन सभी निर्माण को भी अधिग्रहण और मुआवजे के दायरे में लाया गया है, जिनका लैंड ओनरशिप में नाम नहीं है. लेकिन मौके पर उनका निर्माण पाया जा रहा है.

इस कदम से अतिक्रमण को बढ़ावा देने के सवाल पर पीडब्ल्यूडी चीफ हरिओम शर्मा ने बताया कि हर किसी अतिक्रमण के साथ ये रियायत नहीं बरती जाएगी. बल्कि, अतिक्रमणकारी को भी अपना अतिक्रमण प्रमाणित करना होगा. यानी, वो अतिक्रमण जो कई सालों से है और जिनके नाम बिजली, पानी का बिल आता हो, उन्हें राहत मिल सकती है. लेकिन इसमें भी अतिक्रमणकारियों को जमीन का नहीं बल्कि केवल निर्माण का मुआवजा मिलेगा.

Intro:Summary- अतिक्रमणकारियों बल्ले बल्ले, ऑल वेदर रोड़ के अधिग्रहण में मिलेगा मुआवजा


एंकर- ऑल वेदर रोड़ का काम बसावटों को छोड़कर बाकी जगह तकरीबन तकरीबन पूरा हो चुका तो तो वहीं रिहायसी क्षेत्रों में अधिग्रहण में अतिक्रमण एक बड़ा रोड़ा बना हुआ था जिसको लेकर अब लोकनिर्माण विभाग ने समाधान निकाल लिया है। ऑल वेदर रोड़ के अधिग्रहण में अब उन लोगों को भी मुआवजा जिनका लेंड ओनरशिप में नाम नही है। यानी कि लंबे समय से किसी जगह पर रह रहे व्यक्ति को भी मुआवजा मिलेगा भले ही वो अतिक्रमण क्यों ना हो हालांकि इसके लिए जरूरी मानक भी तय किये गए हैं।





Body:वीओ- केन्द्री सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट आल वेदर रोड़ का काम उत्तखण्ड मे तेजी से चल रहा है। 50 फीसदी से हो चुके इस काम मे अब बसावटों वाली जगहों पर सड़क चौड़ीकरण और नए निर्माण बड़ी चुनैती है जिसको लेकर कई तरह की तकनीकी समस्या भी सामने आ रही है जिनमे से अतिक्रमण भी बड़ी समस्या थी जिस पर लोकनिर्माण विभाग ने भारत सरकार के मानको को आधार रखते हुए जनहित में फैसला लिया है जिसके तहत अब उन लोगों को भी मुआवजा दिया जाएगा जिनका अधिग्रहण के दौरान नाप भूमि में स्वामी का नाम दर्ज नही है यानी कि इसमें लंबे समय पर सरकारी जमीन पर कुन्डली मार कर बैठे हुए अतिक्रमण कारियों की भी बल्ले बल्ले है।

प्रमुख अभियंता लोकनिर्माण विभाग ने बताया कि ऑल वेदर रोड़ के निर्माण में अब तय गति से तेज कार्य हुआ है लेकिन रिहायशी इलाकों में अधिग्रहण के इस पेंच के चलते काम की चाल सुस्त पड़ रही थी और लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा था जिस पर भारत सरकार की नीति के तहत उन सभी निर्माण को भी अधिग्रहण और मुआवजे के दायरे में लाया गया है जिनका लेंड ओनरशिप में नाम नही है लेकिन मोके पर उनका निर्माण है। इस कदम से अतिक्रमण को बढ़ावा देने के सवाल पर पीडब्लूडी चीफ हरिओम शर्मा ने बताया की हर किसी अतिक्रमण के साथ ये रिहायत नही बरती जाएगी बल्कि अतिक्रमण कारी को भी अपना अतिक्रमण प्रमाणित करना होगा या फिर सरल भाषा मे कहे तो वो अतिक्रमण करी जो कई सालों से अतिक्रमण किये हुए है और उनके नाम बिजली पानी का बिल या फिर कुछ अन्य कागजात जिस से प्रमाणित हो जाता है तो उसे राहत मिल सकती है लेकिन इस मे भी सबसे बड़ा पेंच यह है कि अतिक्रमणकारि को जमीन का निहि बल्कि केवल निर्माण का मुआवजा मिल पायेगा।

बाइट- हरिओम शर्मा, प्रमुख अभियंता लोकनिर्माण विभाग


Conclusion:
Last Updated : Jul 29, 2019, 1:55 PM IST
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