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देश में NPA वसूलने में उत्तराखंड सबसे आगे, सहकारिता बैंकों ने वसूला 60% बकाया - एनपीए वसूलने में उत्तराखंड सहकारिता बैंक सबसे आगे

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि लॉकडाउन के बाद सभी कॉपरेटिव बैंक प्रॉफिट में हैं. देश में एनपीए वसूलने में उत्तराखंड सहकारिता बैंक सबसे आगे है.

DEHRADUN
देहरादून
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Published : Jun 8, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 6:49 PM IST

देहरादूनः सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा में उत्तराखंड सहकारिता परिषद की बोर्ड बैठक ली. बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि कोविड और लॉकडाउन के बाद सभी कॉपरेटिव बैंक प्रॉफिट में हैं. देश में एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) वसूलने में उत्तराखंड सहकारिता बैंक सबसे आगे है. मंगलवार को विधानसभा में हुई सहकारिता की बैठक के बाद सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के कॉपरेटिव बैंकों ने बेहतर परफॉर्मेंस दी है.

उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में कॉपरेटिव बैंक 72 नई शाखाएं खोलने जा रहा है. वहीं इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया है कि क्लेरिकल से ऊपर (तकरीबन 380 पद) सभी स्टाफ की आईबीपीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सोनेल सेलेक्शन) के जरिए भर्ती की जाएगी. विभागीय मंत्री द्वारा बताया गया कि पिछली बार भी आईबीपीएस के जरिए मात्र 37 दिनों में 450 बैंक कर्मियों की भर्ती की गई थी.

देश में NPA वसूलने में उत्तराखंड सबसे आगे

ये भी पढ़ेंः आम जनता के लिए फिर खुले प्रदेश के सभी पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र

60% NPA वसूला गया

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड सहकारिता बैंकों द्वारा तकरीबन 60% NPA वसूल किया गया है. जिसकी प्रशंसा केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी की है. ये एनपीए उन लोगों से वसूला गया है जिन्होंने करोड़ों का सहकारिता बैंक लोन लिया था. वहीं गरीब किसानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.

क्या होता है NPA ?

रिजर्व बैंक के मुताबिक जिस संपत्ति से बैंक की कोई कमाई नहीं होती है, उसे एनपीए या गैर निष्पादनकारी परिसंपत्ति कहा जाता है. यदि किसी लोन की किस्तें 180 दिन से ज्यादा समय तक नहीं आती हैं तो वह लोन एनपीए की श्रेणी में चला जाता है.

देहरादूनः सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा में उत्तराखंड सहकारिता परिषद की बोर्ड बैठक ली. बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि कोविड और लॉकडाउन के बाद सभी कॉपरेटिव बैंक प्रॉफिट में हैं. देश में एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) वसूलने में उत्तराखंड सहकारिता बैंक सबसे आगे है. मंगलवार को विधानसभा में हुई सहकारिता की बैठक के बाद सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के कॉपरेटिव बैंकों ने बेहतर परफॉर्मेंस दी है.

उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में कॉपरेटिव बैंक 72 नई शाखाएं खोलने जा रहा है. वहीं इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया है कि क्लेरिकल से ऊपर (तकरीबन 380 पद) सभी स्टाफ की आईबीपीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सोनेल सेलेक्शन) के जरिए भर्ती की जाएगी. विभागीय मंत्री द्वारा बताया गया कि पिछली बार भी आईबीपीएस के जरिए मात्र 37 दिनों में 450 बैंक कर्मियों की भर्ती की गई थी.

देश में NPA वसूलने में उत्तराखंड सबसे आगे

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60% NPA वसूला गया

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड सहकारिता बैंकों द्वारा तकरीबन 60% NPA वसूल किया गया है. जिसकी प्रशंसा केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी की है. ये एनपीए उन लोगों से वसूला गया है जिन्होंने करोड़ों का सहकारिता बैंक लोन लिया था. वहीं गरीब किसानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.

क्या होता है NPA ?

रिजर्व बैंक के मुताबिक जिस संपत्ति से बैंक की कोई कमाई नहीं होती है, उसे एनपीए या गैर निष्पादनकारी परिसंपत्ति कहा जाता है. यदि किसी लोन की किस्तें 180 दिन से ज्यादा समय तक नहीं आती हैं तो वह लोन एनपीए की श्रेणी में चला जाता है.

Last Updated : Jun 8, 2021, 6:49 PM IST
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