देहरादून: उत्तराखंड सरकार का एक और दल विदेश दौरे पर जाने वाला है, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सवाल खड़े किए हैं. इससे पहले भी सरकार कभी मेट्रो तो कभी एलआरटी को लेकर कई बार विदेश के चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन अभी तक हासिल कुछ नहीं हो पाया है. वहीं अब एक बार फिर से उत्तराखंड सरकार ने पीआरटी (पर्सनल रैपिड ट्रांजिट) सिस्टम पर कवायद की है. जिसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में अगले महीने एक दल विदेश दौरे पर जाएगा.
देहरादून के लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने और यातायात के बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार पीआरटी लाने वाली है. जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जल्द ही विदेश दौरे पर जाने वाले हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के साथ कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और संबंधित विभाग से जुड़े कई अधिकारी जाएंगे. इस दौरे को लेकर प्रदेश सरकार से आर्थिक मामलों का मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से सम्बंधित प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. विदेशों में यह दल खास तौर से गल्फ़ देशों अबू धाबी और यूरोप के कुछ देशों का दौरा करेगा.
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इस बारे में जानकारी देते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मेट्रो और रोपवे को लेकर विदेश में कुछ अच्छे काम किए गए हैं. उत्तराखंड के लिए ये योजनाएं कितनी कारगर साबिह होगी विदेश में जाकर इसका अध्यन किया जाएगा.
सरकार के इस दौरे पर विपक्ष ने हमला किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार के पास अनुभवी अधिकारियों की कमी नहीं है. देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को बदलने के लिए एक इच्छा शक्ति की जरूरत है, जो की वर्तमान सरकार के पास नहीं है.
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हरीश रावत ने कहा कि सरकार को कहीं जाने की जरूरत नहीं है, उनके कार्यकाल में देहरादून शहर के सभी पहलुओं पर विचार कर के सरकार द्वारा पूरा ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर कार्य शुरू किया गया था और सरकार की नीयत अभी काम करने की नहीं है, बाकी अगर घूमने जाना है तो सरकार के पास इससे अच्छा बहाना क्या हो सकता है.