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पहाड़ और मैदान के बीच के विकास की खाई पाटने को लेकर सीएम ने कही ये बात

पहाड़ी जिलों में विकास को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ग्रोथ सेंटर, पिरुल नीति और सोलर पॉलिसी जैसी कई योजनाएं सरकार चला रही है. साहसिक खेलों की नीति को लेकर जल्द ही सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है. जिनका असर आने वाले कुछ सालों में दिखना शुरू हो जाएगा.

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Published : Aug 10, 2019, 11:35 PM IST

cm trivendra singh rawat

देहरादूनः उत्तराखंड को बने 18 साल हो चुके हैं. इन 18 सालों में मैदानी क्षेत्रों का विकास तो हुआ है, लेकिन पहाड़ों तक विकास नहीं पहुंच सका है. जिससे पहाड़ और मैदान के बीच विकास की एक गहरी खाई बनती जा रही है. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि खाई को पाटने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां जरूरी हैं. इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है.

जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए आर्थिक गतिविधियों की आवश्यकता है. जिसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ग्रोथ सेंटर स्थापित करने जा रही है. जिसे लेकर इन दिनों प्रशिक्षण का काम तेजी पर है. इसके अलावा पिरुल नीति और सोलर पॉलिसी से भी पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि रफ्तार पकड़ेगी.

ये भी पढ़ेंः पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 2 निरीक्षक सहित 15 उपनिरीक्षकों के हुए तबादले

उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों की नीति को लेकर जल्द ही सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है. जो पहाड़ी क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी. साथ ही कहा कि हनी कलस्टर के साथ तमाम फूड प्रोसेसिंग योजनाएं भी पहाड़ पर चलाई जा रही है. जिनका असर आने वाले कुछ सालों में दिखना शुरू हो जाएगा. जो इस खाई को पाटने में कारगर साबित होंगी.

देहरादूनः उत्तराखंड को बने 18 साल हो चुके हैं. इन 18 सालों में मैदानी क्षेत्रों का विकास तो हुआ है, लेकिन पहाड़ों तक विकास नहीं पहुंच सका है. जिससे पहाड़ और मैदान के बीच विकास की एक गहरी खाई बनती जा रही है. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि खाई को पाटने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां जरूरी हैं. इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है.

जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए आर्थिक गतिविधियों की आवश्यकता है. जिसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ग्रोथ सेंटर स्थापित करने जा रही है. जिसे लेकर इन दिनों प्रशिक्षण का काम तेजी पर है. इसके अलावा पिरुल नीति और सोलर पॉलिसी से भी पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि रफ्तार पकड़ेगी.

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उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों की नीति को लेकर जल्द ही सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है. जो पहाड़ी क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी. साथ ही कहा कि हनी कलस्टर के साथ तमाम फूड प्रोसेसिंग योजनाएं भी पहाड़ पर चलाई जा रही है. जिनका असर आने वाले कुछ सालों में दिखना शुरू हो जाएगा. जो इस खाई को पाटने में कारगर साबित होंगी.

Intro:एंकर- उत्तराखंड में भले ही प्रतिव्यक्ती आय में इजाफा हुआ हो लेकिन मैदानी क्षेत्रों में दौड़ता विकास पहाड़ो पर हाफंने लगता है जिसके चलते उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान के बीच विकास को लेकर एक गहरी खाई बनती जा रही है जिस पर मुख्यमंत्री का कहना है कि खाई को पाटने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधीयों जरुरी है जिसके लिए ग्रोथं सेटर, पीरुल निति के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए जो योजनाएं सरकार ला रही है वो इस खाई को पाटने में कारगर साबित होंगी। Body:वीओ- एक तरफ जहां पूरा देश में आर्थिक मंदी की और फिसलता जा रहा है तो वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का तर्क है कि इस वक्त पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है तो ये सामान्य सी बात है लेकिन मुख्यमंत्री इस बात से बेहद खुश है कि उत्तराखंड में प्रति व्यक्ती आय बढ़ी है जो कि सही भी है। उत्तराखंड में भाजपा सरकार आने के बाद प्रति व्यक्ती आय 1 लाख 61 हजार से बढ़कर 1 लाख 98 हजार हो चुकी है लेकिन इसके साथ साथ उत्तराखंड की चिंता दूसरी है कि यहां विकास मैदान की तुलना में पहाड़ पर सुस्त चाल पर दिखाई देता है। उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान के बीच विकास को लेकर गहरी होती खाई पर जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से पूछा गया तो उन्होने इस खाई को पाटने के लिए तमाम योजनाओं का जिक्र किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों को विकास के मामले में मैदानो के समकक्ष खड़ा करने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों की आवश्यकता है जिसके लिए प्रदेश सरकार बहुत जल्द ग्रोथ सेंटर स्थापित करने जा रही है जिसको लेकर इन दिनो प्रशिक्षण का काम तेजी पर है। इसके अलावा पेरुल निती और सोलर पोलिसी से भी पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिवीधी रफ्तार पकड़ेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक खेलों की निती को लेकर जल्द ही सरकार केबिनेट में प्रस्ताव लाने वाली है जो कि केवल पहाड़ी क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी। इसके अलावा उन्होने कहा कि हनि कलस्टर के साथ साथ तमाम फूड प्रोसेसिंग के कलस्टर की योजनाएं भी पहाड़ पर चलाई जा रही है जिनका असर आने वाले कुछ सालों में दिखना शुरु हो जाएगा।

बाइट- त्रिवेंद्र रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड Conclusion:
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