देहरादूनः उत्तराखंड को बने 18 साल हो चुके हैं. इन 18 सालों में मैदानी क्षेत्रों का विकास तो हुआ है, लेकिन पहाड़ों तक विकास नहीं पहुंच सका है. जिससे पहाड़ और मैदान के बीच विकास की एक गहरी खाई बनती जा रही है. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि खाई को पाटने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां जरूरी हैं. इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए आर्थिक गतिविधियों की आवश्यकता है. जिसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ग्रोथ सेंटर स्थापित करने जा रही है. जिसे लेकर इन दिनों प्रशिक्षण का काम तेजी पर है. इसके अलावा पिरुल नीति और सोलर पॉलिसी से भी पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि रफ्तार पकड़ेगी.
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उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों की नीति को लेकर जल्द ही सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है. जो पहाड़ी क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी. साथ ही कहा कि हनी कलस्टर के साथ तमाम फूड प्रोसेसिंग योजनाएं भी पहाड़ पर चलाई जा रही है. जिनका असर आने वाले कुछ सालों में दिखना शुरू हो जाएगा. जो इस खाई को पाटने में कारगर साबित होंगी.