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चारधाम श्राइन बोर्ड विवाद: CM त्रिवेंद्र की सफाई- किसी के हक-हकूक पर नहीं आएगी आंच

उत्तराखंड चारधाम श्राइन बोर्ड विवाद पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है, लेकिन श्राइन बोर्ड को लेकर जो लोग और समाज आशंकित है. उन्हें वे संदेश देना चाहते हैं कि सभी के हक-हकूक सुरक्षित हैं.

chardham shrine board
चारधाम श्राइन बोर्ड
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Published : Nov 29, 2019, 5:58 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 6:41 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम समेत विभिन्न मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन की मंजूरी राज्य सरकार के लिए आफत बन गई है. मामले को लेकर चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने भी इसके विरोध में सीएम को इस्तीफा सौंप दिया है. वहीं, मामले पर विरोध बढ़ता देख सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को खुद सामने आना पड़ा. उनका कहना है कि सभी के हक-हकूक श्राइन बोर्ड में सुरक्षित रखे गए हैं.

चारधाम श्राइन बोर्ड विवाद पर बयान देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यूं तो लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है, लेकिन श्राइन बोर्ड को लेकर जो लोग और समाज आशंकित हैं. उन्हें वे संदेश देना चाहते हैं कि सभी के हक-हकूक सुरक्षित हैं.

ये भी पढ़ेंः चारधाम श्राइन बोर्ड: उत्तराखंड में घमासान शुरू, जानिए आखिर क्या रहेगा बोर्ड का स्वरूप

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि देश के बड़े धार्मिक स्थानों पर श्राइन बोर्ड बने हुए हैं. उत्तराखंड में जिस तरह श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. भविष्य के लिए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत महसूस की जा रही थी. इसी को देखते हुए श्राइन बोर्ड का गठन किया गया है.

वहीं, उन्होंने कहा कि आगामी 2030 तक प्रदेश में श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ पार कर जाएगी. इस साल प्रदेश में चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 फीसदी से वृद्धि हुई है. ऐसे भी प्रदेश में धार्मिक संस्थानों को लेकर एक व्यवस्था बनाने की जरूरत थी. जिसे श्राइन बोर्ड के जरिए बनाया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम समेत विभिन्न मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन की मंजूरी राज्य सरकार के लिए आफत बन गई है. मामले को लेकर चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने भी इसके विरोध में सीएम को इस्तीफा सौंप दिया है. वहीं, मामले पर विरोध बढ़ता देख सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को खुद सामने आना पड़ा. उनका कहना है कि सभी के हक-हकूक श्राइन बोर्ड में सुरक्षित रखे गए हैं.

चारधाम श्राइन बोर्ड विवाद पर बयान देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यूं तो लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है, लेकिन श्राइन बोर्ड को लेकर जो लोग और समाज आशंकित हैं. उन्हें वे संदेश देना चाहते हैं कि सभी के हक-हकूक सुरक्षित हैं.

ये भी पढ़ेंः चारधाम श्राइन बोर्ड: उत्तराखंड में घमासान शुरू, जानिए आखिर क्या रहेगा बोर्ड का स्वरूप

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि देश के बड़े धार्मिक स्थानों पर श्राइन बोर्ड बने हुए हैं. उत्तराखंड में जिस तरह श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. भविष्य के लिए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत महसूस की जा रही थी. इसी को देखते हुए श्राइन बोर्ड का गठन किया गया है.

वहीं, उन्होंने कहा कि आगामी 2030 तक प्रदेश में श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ पार कर जाएगी. इस साल प्रदेश में चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 फीसदी से वृद्धि हुई है. ऐसे भी प्रदेश में धार्मिक संस्थानों को लेकर एक व्यवस्था बनाने की जरूरत थी. जिसे श्राइन बोर्ड के जरिए बनाया जाएगा.

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summary- उत्तराखंड में चारधाम समेत विभिन्न मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन को मंजूरी राज्य सरकार के लिए आफत की वजह बन गई है.. तीर्थ पुरोहितों समेत चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाईं का इस्तीफा देने के बाद खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सामने आकर मामले पर जवाब देते हुए विरोध करने वाले सभी सदस्यों को संदेश दिया है।


Body:उत्तराखंड में श्राइन बोर्ड के गठन पर ऐसा बवाल मचा कि न केवल चार धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया बल्कि चार धाम विकास परिषद में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उपाध्यक्ष का पद संभालने वाले आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने भी इस फैसले के विरोध में मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दिया.. मामले पर बढ़ता विरोध देख मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को खुद सामने आना पड़ा है... सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यूं तो लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है लेकिन श्राइन बोर्ड को लेकर जो लोग और समाज आशंकित है उन्हें वह संदेश देना चाहते हैं कि सभी के हक हकूक सुरक्षित हैं... जो लोग और समाज आशंकित है उन्हें वह संदेश देना चाहते हैं कि सभी के हक हुकूक श्राइन बोर्ड में सुरक्षित रखे गए हैं... सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश के बड़े धार्मिक स्थानों पर श्राइन बोर्ड बने हुए हैं... उत्तराखंड में जिस तरह श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है... भविष्य के लिए योजना तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत महसूस की जा रही थी, और इसी के तहत श्राइन बोर्ड का गठन किया गया है।। सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि अगले 2030 तक प्रदेश में श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ क्रॉस कर जाएगी... इस साल प्रदेश में चार धाम में करीब 36% से ज्यादा की वृद्धि श्रद्धालुओं को लेकर हुई है.. ऐसे भी प्रदेश में धार्मिक संस्थानों को लेकर एक व्यवस्था बनाने की जरूरत थी... जिसे श्राइन बोर्ड के जरिए बनाया जाएगा।।।


बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Nov 29, 2019, 6:41 PM IST
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