देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम समेत विभिन्न मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड के गठन की मंजूरी राज्य सरकार के लिए आफत बन गई है. मामले को लेकर चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने भी इसके विरोध में सीएम को इस्तीफा सौंप दिया है. वहीं, मामले पर विरोध बढ़ता देख सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को खुद सामने आना पड़ा. उनका कहना है कि सभी के हक-हकूक श्राइन बोर्ड में सुरक्षित रखे गए हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यूं तो लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है, लेकिन श्राइन बोर्ड को लेकर जो लोग और समाज आशंकित हैं. उन्हें वे संदेश देना चाहते हैं कि सभी के हक-हकूक सुरक्षित हैं.
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सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि देश के बड़े धार्मिक स्थानों पर श्राइन बोर्ड बने हुए हैं. उत्तराखंड में जिस तरह श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. भविष्य के लिए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत महसूस की जा रही थी. इसी को देखते हुए श्राइन बोर्ड का गठन किया गया है.
वहीं, उन्होंने कहा कि आगामी 2030 तक प्रदेश में श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ पार कर जाएगी. इस साल प्रदेश में चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 फीसदी से वृद्धि हुई है. ऐसे भी प्रदेश में धार्मिक संस्थानों को लेकर एक व्यवस्था बनाने की जरूरत थी. जिसे श्राइन बोर्ड के जरिए बनाया जाएगा.