देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं की समय समय पर नाराजगी को भले ही राजनीतिक गलियारों में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और नेताओं के बीच की आपसी खटास माना जाता हो, लेकिन तमाम बयानबाजी के बावजूद भी मुख्यमंत्री फिलहाल इन नेताओं को लेकर हमलावर रुख में नहीं हैं. सीएम त्रिवेंद्र से पूछे गए सवाल को लेकर उनके जवाब से तो कुछ यही अंदाजा लगाया जा सकता है.
हाल ही में हरक सिंह रावत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच की तल्खियां काफी बढ़ी हैं. उधर विधायक उमेश शर्मा और मंत्री रेखा आर्य की आईएएस प्रकरण के बाद अनदेखी की चर्चाएं जोरो पर रही हैं. विजय बहुगुणा लंबे समय से उत्तराखंड से दूरी बनाए हुए हैं. यह सब बातें ही, कांग्रेस से आए नेताओं की सरकार से दूरी को जाहिर करती है. लिहाजा नेताओं के बीच की खटास कभी-कभी बयानों से भी जाहिर हुई है., लेकिन इतना कुछ विवाद होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन नेताओं को लेकर आक्रामक नहीं है.
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कम से कम मुख्यमंत्री के बयानों से तो कुछ यही अंदाजा लग रहा है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह से इन नेताओं को लेकर पूछे गए सवाल पर इसे सामान्य राजनीतिक घटनाक्रम बताया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह सभी मेरे बचपन के साथी हैं. हम सभी एक साथ खेले कूदे भी हैं. यदि किसी घर में दो भाइयों में विवाद होता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह घर छोड़कर चले जाएंगे. त्रिवेंद्र रावत के इस बयान से साफ है कि वह कांग्रेस के पूर्व नेताओं के पार्टी नहीं छोड़ने को लेकर आश्वस्त हैं.