देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाला प्रकरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकालकर सचिवालय कूच किया. कांग्रेस के इस प्रदर्शन को लेकर पूछे सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अगर किसी मामले पर कोई जांच बैठी है तो उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी. कहा कि हमारी सरकार पूर्ण पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही है. सीएम ने कहा कि किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होगा.
विपक्षी दल कांग्रेस पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस के लोग जो यह सवाल खड़े कर रहे हैं. उनसे मेरा ये सवाल है कि क्या उन्होंने जनता को हिसाब दिया कि उन्होंने कितने लोगों को नौकरी या रोजगार दिया है? कांग्रेस को ये भी बताना चाहिए कि उनके द्वारा कितने विकास कार्य किए हैं?
सीएम रावत ने कहा कि भाजपा सरकार हर साल अपने कार्यों का हिसाब जनता को देती है, और हम पूर्ण पारदर्शिता के पक्षधर हैं. हालांकि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते हर चीज बाधित हुई है. लेकिन जांच रिपोर्ट तैयार हो गई है, जिस पर सिर्फ निर्णय लिया जाएगा. सीएम ने कहा कि फॉरेस्ट भर्ती परीक्षा में जिन बच्चों ने भाग लिया था, उनमें से किसी बच्चे के साथ अन्याय नहीं होगा.
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डोबरा चांठी पुल का लोकार्पण कर सकते हैं प्रधानमंत्री
वहीं, 300 करोड़ की लागत से बना डोबरा चांठी पुल बनकर तैयार हो चुका है. हालांकि पुल पर अभी भी टेस्टिंग चल रही है. डोबरा-चांठी पुल प्रदेश का सबसे लम्बा सस्पेंशन पुल है, जिसकी कुल लंबाई 725 मीटर है. इसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज हैं. इस पुल का निर्माण कार्य साल 2006 में शुरू हुआ था, जो अब बनकर तैयार हुआ है. इसका जल्द ही लोकार्पण कर दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डोबरा चांठी पुल के लोकार्पण को लेकर बहुत पहले निवेदन किया गया था. हालांकि अभी उसकी टेस्टिंग प्रक्रिया चल रही है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर आग्रह किया जाएगा कि वह डोबरा चांठी पुल का लोकार्पण करें.