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प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की तैयारियां अंतिम चरण में, CM त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश - देहरादून न्यूज

कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल को लेकर राज्य सरकार जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है. राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Dec 12, 2019, 8:21 AM IST

देहरादून: गंगा की स्वच्छता के लिए राज्य में चल रही नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं, जबकि अन्य प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक के कामों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित विषयों को लेकर मंथन किया गया.

नेशनल गंगा काउंसिल की तैयारियां

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल को लेकर चर्चा की गई. बैठक में गंगा मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे परियोजना के जुड़े विषयों के बारे में अधिकारियों से चर्चा की. इस मौके पर उन्हें बताया गया कि गंगा के किनारे बसे 15 शहरों से रोजाना औसतन 371 मीट्रिक टन कूड़े का उठान किया जा रहा है.

बैठक में अधिकारियों को निर्देश

  • प्रदेश में नमामि गंगे के तहत संचालित अवशेष कार्यों में तेजी लाई जाए.
  • गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए.
  • नालों के टेपिंग की समुचित व्यवस्था की जाए.
  • गंगा के किनारे वृक्षारोपण के लिए औषधीय वृक्षों को प्राथमिकता दी जाए.
  • गंगा के किनारे अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित किया जाए.
  • जगजीतपुर, सराय एवं ऋषिकेश में एस.टी.पी से कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, इसका पूरा आकलन किया जाए.
  • सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए.

पढ़ें- उत्तराखंड: लाभार्थियों को नहीं मिल रहा अटल आयुष्मान योजना का लाभ

बैठक में जानकारी दी गई कि नमामि गंगे के तहत 21 में से 10 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 11 गतिमान हैं. 34 एसटीपी में से 21 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 13 पर कार्य चल रहे हैं. जगजीनपुर, सराय एवं ऋषिकेश के एसटीपी से 1017 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी.

देहरादून: गंगा की स्वच्छता के लिए राज्य में चल रही नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं, जबकि अन्य प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक के कामों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित विषयों को लेकर मंथन किया गया.

नेशनल गंगा काउंसिल की तैयारियां

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल को लेकर चर्चा की गई. बैठक में गंगा मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे परियोजना के जुड़े विषयों के बारे में अधिकारियों से चर्चा की. इस मौके पर उन्हें बताया गया कि गंगा के किनारे बसे 15 शहरों से रोजाना औसतन 371 मीट्रिक टन कूड़े का उठान किया जा रहा है.

बैठक में अधिकारियों को निर्देश

  • प्रदेश में नमामि गंगे के तहत संचालित अवशेष कार्यों में तेजी लाई जाए.
  • गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए.
  • नालों के टेपिंग की समुचित व्यवस्था की जाए.
  • गंगा के किनारे वृक्षारोपण के लिए औषधीय वृक्षों को प्राथमिकता दी जाए.
  • गंगा के किनारे अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित किया जाए.
  • जगजीतपुर, सराय एवं ऋषिकेश में एस.टी.पी से कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, इसका पूरा आकलन किया जाए.
  • सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए.

पढ़ें- उत्तराखंड: लाभार्थियों को नहीं मिल रहा अटल आयुष्मान योजना का लाभ

बैठक में जानकारी दी गई कि नमामि गंगे के तहत 21 में से 10 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 11 गतिमान हैं. 34 एसटीपी में से 21 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 13 पर कार्य चल रहे हैं. जगजीनपुर, सराय एवं ऋषिकेश के एसटीपी से 1017 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी.

Intro:summary- उत्तराखंड में दवा भी गंदा परियोजना के तहत अब तक के कामों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों की बैठक ली.. बैठक में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित विषयों को लेकर मंथन किया गया।।


Body:मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित राज्य से जुड़े विषयों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में नमामि गंगे के तहत संचालित अवशेष कार्यों में तेजी लाई जाए। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। कार्यों में तेजी लाई जाए। नालों के टेपिंग की समुचित व्यवस्था की जाय। गंगा के किनारे वृक्षारोपण के लिए औषधीय वृक्षों को प्राथमिकता दी जाय। गंगा के किनारे अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित किया जाय। जगजीतपुर, सराय एवं ऋषिकेश में एस.टी.पी से कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, इसका पूरा आकलन किया जाय। सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड बनाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि नमामि गंगे के तहत 21 में से 10 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 11 गतिमान हैं। 34 एस.टी.पी में से 21 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 13 पर कार्य गतिमान है। जगजीनपुर, सराय एवं ऋषिकेश के  एस.टी.पी से 1017 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। गंगा के किनारे बसे 15 नगरों से प्रतिदिन औसतन 371 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा रहा है।

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड




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