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तबादला एक्ट: आशारानी का ट्रांसफर बन सकता है CM के गले की फांस, छुट्टी पर गए शिक्षा सचिव

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Published : Jul 26, 2019, 10:59 PM IST

मुख्यमंत्री के दखल के बाद देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली का ट्रांसफर रोक दिया गया. वहीं अब शिक्षा सचिव छुट्टी पर चले गए हैं.

meenakshi sundaram

देहरादूनः शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम के छुट्टी पर जाने से एक बार फिर तबादला एक्ट पर विवाद गहरा गया है. मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली के तबादले को मुख्यमंत्री पहले ही रुकवा चुके हैं. अब मामले में शिक्षा मंत्री ने बयान देते हुए इस आदेश को गलत होने का संकेत दिया है. उधर, मामले पर विवाद बढ़ता देख शिक्षा सचिव छुट्टी पर निकल गए हैं.

दरअसल, देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली को बीते 25 जून को चमोली के गोचर में डाइट प्रिंसिपल के रूप में भेजा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के दखल देने के बाद उन्हें देहरादून में ही रोक लिया गया. बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री मीनाक्षी सुंदरम से बेहद ज्यादा नाराज हैं. इसी नाराजगी को देखते हुए फिलहाल उनके छुट्टी पर जाने की चर्चा है. इस पूरे विवाद के बाद सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम 28 जुलाई तक के लिए छुट्टी पर चले गए हैं.

तबादला एक्ट के खिलाफ हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

इससे पहले तबादला एक्ट के अनुसार 10 प्रतिशत तबादले में 15 अधिकारियों पर समिति ने चर्चा की थी. जिसमें आशारानी दूसरे नंबर पर थीं. इस पर समिति ने 1.5 संख्या के लिहाज से दो अधिकारियों का तबादला करना सही समझा. जिस पर आशारानी पैन्यूली राज्य स्थापना के बाद से मैदानी जिलों में ही सेवाएं दे रही थीं.

ये भी पढे़ंः मुख्यमंत्री के उल्टे-पुल्टे बयान, नेताओं के ज्ञान से सकते में 'विज्ञान'

जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया, लेकिन एक्ट के खिलाफ जाकर इस तबादले को रोक दिया गया. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय भी मामले में बचते नजर आए. उनका कहना है कि तबादला आदेश बदला नहीं गया है, बल्कि आशारानी पैन्यूली के तबादले को रोका गया है.

ऐसे में यह एक्ट के खिलाफ नहीं है. ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि आशारानी पैन्यूली का तबादला, एक्ट के मुताबिक हुआ है, तो मुख्यमंत्री ने क्यों एक अधिकारी पर मेहरबानी दिखाते हुए उसके तबादले को रोक दिया?

देहरादूनः शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम के छुट्टी पर जाने से एक बार फिर तबादला एक्ट पर विवाद गहरा गया है. मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली के तबादले को मुख्यमंत्री पहले ही रुकवा चुके हैं. अब मामले में शिक्षा मंत्री ने बयान देते हुए इस आदेश को गलत होने का संकेत दिया है. उधर, मामले पर विवाद बढ़ता देख शिक्षा सचिव छुट्टी पर निकल गए हैं.

दरअसल, देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली को बीते 25 जून को चमोली के गोचर में डाइट प्रिंसिपल के रूप में भेजा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के दखल देने के बाद उन्हें देहरादून में ही रोक लिया गया. बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री मीनाक्षी सुंदरम से बेहद ज्यादा नाराज हैं. इसी नाराजगी को देखते हुए फिलहाल उनके छुट्टी पर जाने की चर्चा है. इस पूरे विवाद के बाद सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम 28 जुलाई तक के लिए छुट्टी पर चले गए हैं.

तबादला एक्ट के खिलाफ हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

इससे पहले तबादला एक्ट के अनुसार 10 प्रतिशत तबादले में 15 अधिकारियों पर समिति ने चर्चा की थी. जिसमें आशारानी दूसरे नंबर पर थीं. इस पर समिति ने 1.5 संख्या के लिहाज से दो अधिकारियों का तबादला करना सही समझा. जिस पर आशारानी पैन्यूली राज्य स्थापना के बाद से मैदानी जिलों में ही सेवाएं दे रही थीं.

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जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया, लेकिन एक्ट के खिलाफ जाकर इस तबादले को रोक दिया गया. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय भी मामले में बचते नजर आए. उनका कहना है कि तबादला आदेश बदला नहीं गया है, बल्कि आशारानी पैन्यूली के तबादले को रोका गया है.

ऐसे में यह एक्ट के खिलाफ नहीं है. ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि आशारानी पैन्यूली का तबादला, एक्ट के मुताबिक हुआ है, तो मुख्यमंत्री ने क्यों एक अधिकारी पर मेहरबानी दिखाते हुए उसके तबादले को रोक दिया?

Intro:summary- शिक्षा विभाग में तबादला एक्ट पर खींचतान से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि को नुकसान हो सकता है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली के मामले में फिलहाल मुख्यमंत्री एक्ट के खिलाफ दिखाई दे रहे हैं। मामले में विवाद के बाद शिक्षा सचिव भी छुट्टी पर चले गए हैं।

शिक्षा सचिव मीनाक्षीसुंदरम के छुट्टी पर जाने से एक बार फिर तबादला एक्ट में विवाद का मामला सुर्खियों में आ गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तबादला एक्ट के खिलाफ मुख्य शिक्षा अधिकारी को देहरादून रोका तो शिक्षा मंत्री इस पर बेहद खफा हुए।


Body:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास भले ही शिक्षा विभाग ना हो लेकिन विभाग पर उनकी दखलअंदाजी उनकी साख पर बट्टा लगा रही है... मामला देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली से जुड़ा है.. आशा रानी का बीती 25 जून को चमोली के गोचर में डाइट प्रिंसिपल के रूप में तबादला कर दिया गया था लेकिन मुख्यमंत्री के दखल देने के बाद उनको देहरादून में ही रोक लिया गया... इस पूरे विवाद के बाद सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम 28 जुलाई तक के लिए छुट्टी पर चले गए हैं.. बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री मीनाक्षी सुंदरम से बेहद ज्यादा नाराज हैं.. और इसी नाराजगी को देखते हुए फिलहाल उनके छुट्टी पर जाने की चर्चा है। आप भी जानिए कि क्यों मुख्यमंत्री द्वारा आशारानी पैन्यूली का तबादला रोकने को तबादला एक्ट के खिलाफ माना जा रहा है। 

दरअसल 25 जून को आशारानी पैन्यूली का गोचर में तबादला किया गया था..लेकिन 1 सप्ताह में अनिवार्य तैनाती के बावजूद आशा रानी ने चमोली जाना जरूरी नहीं समझा..एक्ट के अनुसार 10 प्रतिशत तबादले में 15 अधिकारियों पर समिति ने चर्चा की जिसमें आशा रानी दूसरे नंबर पर थी.. इस पर समिति ने 1.5 संख्या के लिहाज से दो अधिकारियों का तबादला करना सही समझा और इसके बाद आशा रानी पैन्यूली जिनकी राज्य स्थापना के बाद से ही सेवाएं मैदानी जिलों में रही उनका भी तबादला कर दिया गया लेकिन एक्ट के खिलाफ जाकर इस तबादले को रोक दिया गया। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय भी मामले में बचते हुए कहते हैं कि तबादला आदेश बदला नहीं गया है बल्कि केवल आशारानी पैन्यूली के तबादले को रोका गया है इसलिए यह एक्ट के खिलाफ नहीं है


बाइट अरविंद पांडे शिक्षा मंत्री उत्तराखंड




Conclusion:मामले में सवाल यह है कि जब आशारानी पैन्यूली का तबादला, एक्ट के अनुसार हुआ तो मुख्यमंत्री ने क्यों एक अधिकारी पर मेहरबानी दिखाते हुए उसके तबादले को रोक दिया.. सवाल यह भी है कि इस तरह एक्ट का उल्लंघन करने से क्या भविष्य में एक्ट के खिलाफ जाने को लेकर अधिकारी प्रोत्साहित नहीं होंगे। 



पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
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